बोकारो (BOKARO) : डीएमएफटी फंड का बड़े पैमाने पर दुरूपयोग किया जा रहा है. जिसके कारण कोयला खदान से विस्थापित हुए रैयतों और ग्रामीणों में आक्रोश देखने को मिल रहा है. उक्त बातें कोयला और खान मंत्रालय सलाहकार समिति के सदस्य सह राज्यसभा सांसद खीरु महतो ने इंदौर के जे डब्लू मेरियोट होटल में गुरुवार को आयोजित समिति की पहली बैठक में उठाया. उन्होंने कहा की डीएमएफटी फंड का उपयोग कोयला खनन से प्रभावित क्षेत्र में पेयजल, सिंचाई, स्वास्थ्य शिक्षा और सड़क पर करना है. लेकिन यह वहां खर्च नहीं होकर अन्यत्र किया जाता है. कोल इंडिया से प्रभावित विस्थापित रैयतों की समस्या पर समिति का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा की आज सीबी एक्ट के तहत बीस वर्ष पहले हीं भूमि का अधिग्रहण कर लिया जाता है, जिसका लाभ रैयत को नहीं मिल पाता. उन्होंने आगे कहा कि बंद पडी खदानों को जल्द खोला जाए, विस्थापितों को लंबित रोजगार और मुआवजा दिया जाए, डएमएफटी फंड का प्रभावित क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जाए और अन्यत्र इसका दुरुपयोग बंद हो, कोयला खानन हो चुकी जमीन को फिर से समतल कर रैयत को खेती के लिए वापिस किया जाए.
रिपोर्ट: जयंत कुमार, रामगढ़
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