टीएनपी डेस्क (TNP DESK): चोरी के किस्से आपने कई सुने होंगे. लेकिन ऐसी कहानी पहली बार पढ़ेंगे कि पाइप लाइन में ही डाका डालकर करोंड़ों रुपए के क्रूड ऑयल बेच दिये जाएं. इसके लिए बाकायदा सुरंग तक बना ली गई थी. हाईटेक तरीके से इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOCL) की पाइपलाइन से क्रूड ऑयल चोरी करने का मामला राजस्थान के दौसा जिले से सामने आया है। जिले के महवा थाना क्षेत्र में एक थर्माकोल फैक्ट्री है. इसकी आड़ में यह गोरखधंधा लगभग दो सालों से चल रहा था.
कैसे चल रहा था ये गोरखधंधा
इलाके से गुजरात से मथुरा जानेवाली IOC की पाइप लाइन गुजरती है. जिससे क्रूड आयल की सप्लाई की जाती है. यह पाइप लाइन जमीन से 15 फीट नीचे है. यहां तक पहुंचने के लिए करीब 200 मीटर की सुरंग बनाई गई थी. ऊपर लोहे का जाल लगा दिया गया था. एक व्यक्ति अंदर घिसट कर जा सकता था. ऑक्सीजन के लिए अलग से एक पाइप लगाई गई थी. एलईडी बल्ब और पंखे भी सुरंग के अंदर लगाए गए थे. इसी सुरंग से अलग पाइप के जरिये गोदाम तक तेल पहुंचाया जाता था. यहां से टैंकर में भरकर इसे बाहर बेचा जाता था. टैंकर रात को आता था, ताकि किसी को पता न चले. चकित करने वाली बात यह है कि बालाहेड़ी पुलिस चौकी कुछ ही दूरी पर है, लेकिन ना तो पुलिस को और ना ही गांव के सरपंच को ही इसकी कानोकान खबर लगी. थर्माकोल फैक्ट्री के लिए न भूमि का कमर्शियल कन्वर्जन करवाया गया था। ना ही एनओसी ली गई थी.
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अब जानिये कैसे हुआ खुलासा
महुवा के हुडला रोड पर स्थित इस कथित थर्माकोल की फैक्ट्री में 12 जून को आग लग गई. इसकी भयावह लपटों को शांत करने के लिए जयपुर, भरतपुर, करौली व अलवर से दमकलें मंगवानी पड़ी. आग लगने के कारणों को पता करने के लिए जब जेसीबी से फैक्ट्री की दीवार को तोड़ा गया, तो सभी के होश उड़ गए. पता चला कि आईओसी की मुख्य पाइप लाइन में वॉल्व लगाकर क्रूड ऑयल निकाला जाता था. जिसमें आग लगने के कारण यह हादसा हुआ. 11 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. मौके पर आईओसी के अधिकारी, कलेक्टर, एसपी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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