TNP DESK- आखिरकार पंचायत सेवक की मौत के मामले में प्रखंड विकास पदाधिकरी सहित चार लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज होगी. पंचायत सेवक तो अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन बीडीओ सहित अन्य लोगों ने कथित रूप से जो प्रताड़ित करने का काम किया है, वह घटना अब उनका पीछा बहुत जल्द छोड़ने वाली नहीं है. डुमरी विधायक जयराम महतो के हस्तक्षेप के बाद प्राथमिकी होने जा रही है. एक आश्रित को नियोजन की भी बात हुई है. देखना है इस घटना को आधार बनाकर झारखंड सरकार प्रखंड, अंचल और थानों में व्याप्त कथित भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए क्या कोई तरीका निकालती है. क्योंकि पंचायत सेवक की मौत केवल एक घटना नहीं है, बल्कि यह सिस्टम पर बहुत बड़ा सवाल भी है. डुमरी प्रखंड के पंचायत सेवक सुखलाल महतो की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए है. आखिर ऐसी क्या स्थिति पैदा हुई कि सुखलाल महतो ने अपनी जान की भी परवाह नहीं की.
आखिर इस सिस्टम में सुखलाल महतो जैसे लोग कैसे करेंगे काम
उन्होंने जान दे दी. पंचायत सेवक सुखलाल महतो ने परिसर में ही कुछ दवा खाई, उसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ी. कहा जाता है की आहत पंचायत सेवक ने आत्महत्या कर ली. उन्हें गिरिडीह, धनबाद होते हुए रांची अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उनका देहांत हो गया. यह अलग बात है कि डुमरी के विधायक जयराम महतो का दबाव ही कहा जाएगा कि इस मामले में नामजद प्राथमिकी दर्ज करने का निर्णय हुआ है. साथ ही मृतक के परिजन को 15 दिनों के भीतर नौकरी देने की बात पर भी सहमति बन गई है. यह निर्णय डुमरी विधायक जयराम महतो के साथ अधिकारियों की हुई बैठक के बाद सोमवार को लिया गया. विभागीय मंत्री भी विधायक जय राम महतो से बातचीत की और उन्होंने भरोसा दिया कि परिवार को हर संभव मदद किया जाएगा. इस बीच जांच कमेटी भी गठित हो गई है, जो पूरे मामले की जांच करेगी. पंचायत सेवक की मौत निश्चित रूप से सिस्टम का दोष है.
घटना के बाद भी पीड़ित परिवार के साथ की जा रही थी चालाकी
जिस सिस्टम ने सुखलाल को आत्महत्या के लिए मजबूर किया, घटना के बाद भी पीड़ित परिवार का बयान दर्ज करने में चालाकी की जा रही थी, परिवार पर दबाव बनाया जा रहा था कि आप बयान दीजिए की दवा खाने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ी और उनकी मौत हो गई. यह तो और बड़ा सवाल बन कर खड़ा हुआ है. विधायक जयराम महतो का कहना है कि पुलिस किसी को नामजद करने को तैयार नहीं थी. लेकिन जब दबाव बढ़ा तो इसके लिए पुलिस तैयार हुई. डुमरी में शव के साथ आंदोलन हो रहा था. विधायक जयराम महतो के अनुसार इस दौरान तीन-तीन बार मंत्री का फोन आया. बाद में यह तय हुआ कि न सिर्फ आरोपियों के खिलाफ प्राथमिक दर्ज होगी बल्कि विभागीय कार्रवाई भी होगी. इसके अलावा 15 दिनों के अंदर एक आश्रित को नियोजन भी दिया जाएगा और परिजनों को पावना समेत अन्य राशि का भुगतान होगा. सरिया -बगोदर के एसडीएम ने भी इस बात की पुष्टि की है. साथ ही उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच जिला स्तरीय कमेटी कर रही है.
पंचायत सेवक सुखलाल महतो की मौत से उठते सवाल
बता दें कि बलथरिया पंचायत के पंचायत सेवक सुखलाल महतो ने शुक्रवार को प्रखंड परिसर में ही आत्महत्या की कोशिश की थी. बाद में उन्हें इलाज के लिए रांची ले जाया गया. जहां शनिवार को उन्होंने दम तोड़ दिया. रविवार की रात को लाश डुमरी पहुंची, तो लोग शव के साथ धरना पर बैठ गए. सोमवार को विधायक पहुंचे और उसके बाद आंदोलन समाप्त हुआ. आत्महत्या के पहले पंचायत सेवक ने सोशल मीडिया पर डुमरी विधायक जयराम महतो के नाम एक पत्र पोस्ट किया था. जो तेजी से वायरल होने लगा था. पत्र में उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारी सहित अन्य पर मानसिक अपमान और प्रताड़ना का आरोप लगाया था. उन्होंने विधायक से अपने परिवार के भरण -पोषण का ध्यान रखने की अपील की थी. हालांकि इन आरोपों से प्रखंड विकास पदाधिकारी ने इनकार किया था. लेकिन अब तो उनके खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज हो गई है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
Recent Comments