पटना(PATNA): बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने हाल ही में आयोगों के गठन में पारदर्शिता और योग्यता कि अनदेखी को लेकर जो सवाल उठाए हैं, वह राज्य कि राजनीति में एक अहम बहस को जन्म दे चुके है. तेजस्वी यादव ने सीधे तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा है कि आखिर क्यों हालिया आयोगों में कुछ खास व्यक्तियों के दामादों को ही प्राथमिकता दी जा रही है? तेजस्वी ने कल आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, "क्या बिहार में अब सिर्फ ‘जमाई आयोग’ का गठन होगा? क्या राज्य में और कोई योग्य व्यक्ति नहीं है?" उन्होंने यह भी बताया कि जिन नामों की नियुक्ति हुई है, वे रामविलास पासवान, जीतन राम मांझी और अशोक चौधरी जैसे बड़े नेताओं के दामाद हैं. 

वहीं दूसरी ओर राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने तेजस्वी यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें अपने पिता लालू प्रसाद यादव से पूछना चाहिए कि वे अपने समय में किसे किस पद पर बैठाते थे. उन्होंने लालू प्रसाद यादव पर परिवारवाद और ससुरालवाद का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हमेशा जनता के हित में पारदर्शिता और निष्पक्षता से काम किया है. साथ ही राजद को जनता से मतलब नहीं रहा है बल्कि राजद केवल अपने आस पास के लोगों को ही सत्ता सुख से लाभान्वित करते हैं. उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली डबल इंजन कि सरकार है बिहार के लिए वरदान साबित हुई है.