टीएनपी डेस्क(TNP DESK): दुनिया में छाई मंदी का असर काफी तेजी दिख रहा है. उद्योग-धंधों में आई खास्ता हालत औऱ नरमी के चलते अब नौकरियों पर भी तलवार लटकने लगी है. ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने पहले ही 9000 कर्मचारियों की छंटनी का एलान कर चुकी है, वही अब वायरलेस सेवा देने वाली वोडाफोन 11000 कर्मचारियों की छंटनी की योजना बनाई है. इसके इस फैसले से कर्मचारियों में कोहराम मच गया है. दुनिया की बड़ी दूरसंचार कंपनियों में शामिल वोडाफोन ने यह एलान , इस साल सालाना आय वृद्धि 1.3 फीसदी रह जाने के चलते किया. वही, चालू वित्त वर्ष में वोडाफन की आय़ नाममात्र की ही रहने की आशंका जतायी जा रही है.
वोडाफोन की हालात नहीं है सही
CEO मार्गरिटा डेला वेल ने बताया कि हमारे उद्योग की हालात और वोडाफोन की मौजूदा स्थिति को देखते हुए, इसमें बदलाव लाने की जरुरत है. इसके संचालन से जुड़ी जटिलता को कम करने और इसको सरल बनाने की जरूरत है. वोडाफोन नौकरियों की छंटनी की प्रक्रिया अगले तीन साल तक में अंजाम देगी.
एक अरब तक की कटौती का लक्ष्य
वोडाफोन इटली, जर्मनी और ब्रिटेन स्थित अपने मुख्यालय में छंटनी का एलान कर चुकी है. इसके साथ ही मार्गरिटा ने साल 2026 तक वोडाफोन की लागत में एक अरब यूरो तक की कटौती करने का लक्ष्य रखा है. कंपनी यूरोप एवं अफ्रीका समेत प्रमुख दूरसंचार बाजारों में कारोबार कर रही है और दुनियाभर में उसके करीब एक लाख कर्मचारी हैं.
दुनिया की इस दिग्गज दुरसंचार कंपनी की छंटनी के बाद कर्मचारियों की नौकरी पर संकट तो गहरा ही गया. दुनिया में लगातार बड़ी-बड़ी कंपनियों में छंटनी हो रही है. इससे पहले अमेजन, फेसबुक, ट्विटर में भी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है.
रिपोर्ट: शिवपूजन सिंह
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