देवघर (DEOGHAR) -जिस जिला से झारखंड में दो-दो मंत्री हो उस जिला के सदर अस्पताल का कुव्यवस्थित होना अपने-आप में ही शर्म की बात है. हम बात कर रहे हैं देवघर सदर अस्पताल की. यहां हर वर्ग के लोग इलाज के लिए आते हैं. अभी भी दर्ज़नों यहां भर्ती हैं. लेकिन इस अस्पताल में महिलाओं के लिए कुछ घंटे गुजारना भी नरक सा है. कृषि मंत्री और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री के गृह जिला का सदर अस्पताल राम भरोसे है.
पुरुष शौचालय में जाने का मजबूर महिलाएं
सदर अस्पताल में महिलाओं के लिए बने शौचालय में ताला लटका हुआ है. महिला मरीज और इनके परिजन शौच के लिए पुरुष शौचालय का प्रयोग करते हैं. पुरुष शौचालय का हाल यह है कि बाथरूम पूरी तरह जुगाड़ टेक्नोलॉजी पर चल रहा है. बता दें कि बेसिन के नीचे बाल्टी लगा कर काम चलाया जा रहा है. इससे साफ पता चलता है कि इस अस्पताल में यूरिन निकासी की व्यवस्था तक नहीं है. पुरुष शौचालय में जब महिलाएं शौच के लिए जाती है, तो बाहर इनके परिवार की अन्य महिला खड़ा हो कर निगरानी करती हैं. सदर अस्पताल प्रबंधन कि अनदेखी के कारण सदर अस्पताल का पुरुष शौचालय महिला शौचालय में तब्दील हो गया है.
सिविल सर्जन का कहना है
महिला मरीजों को शौचालय से संबंधित हो रहे कष्ट पर महिला मरीज ऑफ रिकॉर्ड इस अस्पताल की कुव्यवस्था पर जमकर सवाल उठा रही हैं. इस तरह की व्यवस्था पर सिविल सर्जन डॉ.सी. के.शाही अपना ही राग अलाप रहे हैं. मामले पर सारा ठीकरा ठेकेदार पर फोड़ा. अब कुव्यवस्था का कारण जो भी हो, लेकिन इससे महिलाओं को काफी परेशानी होती है. अब दो दो मंत्री के गृह जिला का सदर अस्पताल की यह स्थिति तो अन्य जगहों की कल्पना कर सकते हैं.
रिपोर्ट : रितुराज सिन्हा, देवघर
Recent Comments