कोडरमा (KODERMA) को कभी अभ्रक की चमक के लिए दुनिया भर में जाना जाता था. अब वहां अभ्रख के टुकड़ों को चुनने के लिए लोगों को आंदोलन करना पड़ रहा है. बता दें कि कोडरमा जिले में अभ्रख के छोटे-छोटे टुकड़े जिसे ढिबरा कहते हैं, चुनकर हज़ारों घर के चूल्हे जलते हैं.  लेकिन वन अधिनियम और सरकारी आदेश की वजह से ढिबरा चुनने पर रोक लगा दी गई है. इस फैसले से ग्रामीण काफी आक्रोशित हैं.

अभ्रख  चुनने से होता है लोगों का जीवन यापन

बता दें कि यहां कभी खदाने चलती थी. लेकिन कानूनी प्रावधानों के कारण सबका बोरिया बिस्तर बंध गया. वहीं जंगल में लोगों का जीवन यापन इन्हीं खदानों के इर्द गिर्द पड़े ढिबरा चुनकर चलता है. लेकिन अब ढिबरा चुनने, खरीद-बिक्री करने पर जेल भेज दिया जाता है. ढिबरा मजदूर अब ढिबरा चुनने को लेकर आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर रहे. गांव-गांव जाकर मजदूरों को एकजुट कर रहें.