दुमका( DUMKA): झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कें बनती है, कुछ दिनों तक सड़कें चकाचक दिखती है लेकिन जैसे ही सड़कों पर आवागमन शुरू होता है सड़कों की हकीकत सामने आ जाता है. गुणवत्ता पर सवाल खड़े होने लगते है, फिर शुरू होता है सड़क निर्माण में गुणवत्ता की जांच. जांच की प्रक्रिया फाइलों में सिमट जाती है और तब तक सड़क के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू कर दिया जाता है.

सड़क मरम्मती कार्य की गुणवत्ता को लेकर स्थानीय लोगों ने खड़े किए सवाल 

ताजा मामला दुमका जिला के जरमुंडी प्रखंड का है, जहां REO विभाग कटेली से सरमरा तक सड़क मरम्मती का काम चल रहा है. कार्य की गुणवत्ता को लेकर स्थानीय लोगों ने सवाल खड़े किए है. ग्रामीणों का आरोप है कि रिपेयरिंग के दौरान सड़कों से मिट्टी या धूलकण को अच्छे से नहीं हटाया गया. मटेरियल भी सही अनुपात में नहीं दिया जा रहा है. यह सड़क करीब 4 किलोमीटर लंबी है. सड़क मरम्मती कार्य की आधारशिला विधानसभा चुनाव से पूर्व रखा गया था. इतने दिन बीतने के बाबजूद कार्य पूरा नहीं हो पाया है.

कनीय अभियंता ने मामले में क्या कहा 

यह सच है कि ग्रामीण सड़क निर्माण प्रक्रिया में तकनीकी रूप से दक्ष नहीं हो सकते. इसलिए हमने ग्रामीणों के आरोप के आधार पर विभाग के कनीय अभियंता से सवाल किया. पहले तो उन्होंने कैमरा के सामने कुछ भी बोलने से इनकार किया. बहुत पूछने पर उन्होंने स्वीकार्य किया कि सड़क मरम्मती के दौरान पुराने सड़क की जिस रूप में सफाई होनी चाहिए वैसा नहीं हुआ है. इस बाबत उन्होंने सड़क की बेहतर तरीके से सफाई के पश्चात निर्माण का भरोसा दिया.

इस मामले में उप मुखिया मुकेश यादव का कहना है कि जेई गोल मटोल जवाब दे कर बचना चाह रहे है. उन्होंने कहा कि कमियां कई है लेकिन विभाग के उदासीन रवैया के कारण जैसे तैसे काम को निकाला जा रहा है.

रिपोर्ट: पंचम झा