धनबाद (DHANBAD) : धनबाद में 34 करोड़ की सड़क पर चिप्पी लगाने के लिए 14 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. वह भी 3 साल पुरानी फोरलेन सड़क पर. सुनकर आप अचरज में पड़ गए ना, लेकिन यह 100 फ़ीसदी सच है. सड़क पर चिप्पी साटने के लिए 14 करोड़ का प्राक्कलन बनाकर पथ निर्माण विभाग के रांची मुख्यालय को भेजा गया है. हालांकि, अभी मुख्यालय ने इसे स्वीकृत नहीं दी है. जी हां, हम बात कर रहे हैं सिटी सेंटर से लेकर बरवाअड्डा तक की 5.05 किलोमीटर लंबी सड़क की.

22 अगस्त 2018 को हैंडओवर हुई है सड़क

यह सड़क 34 करोड़ 46 लाख 93 हजार 422₹ की लागत से तीन साल पहले बना है. सड़क का निर्माण कार्य 23 जनवरी 2017 को शुरू हुआ था और 22 अगस्त 2018 को ठेकेदार (मेसर्स दरोगा प्रधान प्राइवेट लिमिटेड) ने पथ निर्माण विभाग को हैंडओवर कर दिया था. सड़क बनने के बाद भी समस्याएं बनी रही. लगातार शिकायतें मिलती रहीं कि सड़क पर जलजमाव (वाटरलॉगिंग) हो रहा है. कई जगह बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं. कई जगह सड़क धंस रही हैं. पुराने और नए पथ आपस में ठीक से नहीं ज़ुड़े हैं. सड़क जर्जर हो कर टूट रही है, लगातार मिल रही शिकायतों से तंग आकर आखिरकार हजारीबाग के अधीक्षण अभियंता ने जांच के लिए 6 सदस्यीय टीम बनाई.

11 जनवरी 2019 को फिर हुई जांच

जानकारी के अनुसार, 11 जनवरी 2019 को इस जांच टीम ने श्रमिक चौक से बरवाअड्डा तक की सड़क की जांच की और अधीक्षण अभियंता को रिपोर्ट दी. स्थल जांच और भौतिक सत्यापन के दौरान क्रश थिकनेस आदि सही पाया गया. सड़क पर एक्जिस्टिंग क्रस्ट पर सुदृढ़ीकरण का प्रावधान डीपीआर और इकरारनामा में नहीं था. इस पद्यांश में केवल 40 एमएम बीसी के सरफेस कोर्स का ही प्रावधान किया गया है. तकनीकी शब्दों की बात छोड़कर मोटे तौर पर कहा जा सकता है कि डीपीआर में कहीं ना कहीं त्रुटि रह गई, जिस कारण सड़क की गुणवत्ता ठीक नहीं है. फिर से इस सड़क को ठीक करने के लिए धनबाद पथ निर्माण विभाग (RCD) ने संपूर्ण मरम्मती के लिए 14 करोड़ रुपए का एक प्राक्कलन मुख्यालय को भेजा है. इधर, जर्जर सडक़ पर रोज़ दुर्घटनाएं हो रहीं हैं. आम यात्री व वाहन चालक बड़े-बड़े गड्ढे से परेशान हैं. वहीं The news post से बात करते हुए धनबाद विधायक राज सिन्हा सड़क निर्माण में शामिल सभी इंजीनियर और ठेकेदार पर कार्रवाई की मांग कर रहें है. उन्होंने हेमंत सोरेन सरकार से इस मामले में कार्रवाई की मांग की है. वहीं धनबाद पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता दिनेश प्रसाद का कहना है कि उन्होंने हाल ही में यहां जॉइन किया है. हालांकि इस सड़क की तकनीकी खामी और मरम्मती के प्रस्ताव पर उन्होंने द न्यूज़ पोस्ट को विस्तार से बताया है.

अब ठेकेदार की नहीं है जिम्मेवारी

सड़क के निर्माण के 3 साल पूरे हो गए हैं. इसलिए अब रखरखाव की जिम्मेदारी ठेकेदार की नहीं है. तत्काल टूटी-फूटी इस महत्वाकांक्षी फोरलेन सड़क ठीक करने के लिए 25 लाख की लागत से  काम अभी शुरू कर दिया गया है. मुख्यालय से अनुमति मिलने के बाद 14 करोड़ की लागत से सड़क पर चिप्पी साटने का काम होगा.  

इस घटिया सड़क का निर्माण कार्य पूर्व की रघुवर सरकार में पूर्व मेयर के नज़दीकी दरोगा प्रधान प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने किया है. पथ निर्माण विभाग ने इस काम को पूरा तो कर लिया, लेकिन लोगों की आकांक्षाएं अधूरी की अधूरी ही रह गई. लोगों को भले ही इस सड़क की उच्च गुणवत्ता का फल नहीं मिल रहा है लेकिन इसके काम कराने वाले अधिकारी, इंजीनियर और एजेंसी के ठेकेदार सब मस्त हैं. इसके फल खाकर सब संतुष्ट हो गए हैं.

रिपोर्ट: अभिषेक कुमार सिंह, ब्यूरो हेड (धनबाद)