पलामू (PALAMU) - नावा बाजार के पूर्व थाना प्रभारी लालजी यादव ने सोमवार की रात आत्महत्या कर ली है. थाना कैंपस में ही उन्होंने सुसाइड किया है. जानकारी के अनुसार चार दिन पहले 6 जनवरी को लालजी यादव नावाबाजार थाना प्रभारी पद से निलंबित किए गए थे. इधर लालजी यादव बीते दिन रांची के बुढ़मू थाने में मालखाना का प्रभार देने गए थे. वहां से वापस लौटने के बाद उन्होंने आत्महत्या कर ली. वहीं निलंबन के 4 दिनों के बाद इस तरह की घटना सामने आने पर कई तरह की बातें की जा रही है. हालांकि आत्महत्या के कारणों का स्पष्ट पता नहीं चल पाया है. सूचना मिलने पर पुलिस के कई वरीय अधिकारी नावा बाजार पहुंच कर मामले की छानबीन में जुट गए हैं.
डीटीओ से बहस के बाद एसपी ने की थी कार्रवाई
जिले के एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने नावाबाजार के पूर्व थाना प्रभारी लालजी यादव को जिले के परिवहन पदाधिकारी अनवर हुसैन से बहस के बाद निलंबित कर दिया था. दरअसल, डीटीओ ने नावा बाजार थाना क्षेत्र में कार्रवाई कर कई वाहन पकड़े थे और उसे नावा बाजार थाना में लगाने की बात कही थी, लेकिन थाना प्रभारी ने थाना परिसर में वाहन लगाने से इंकार कर दिया था. थाना प्रभारी का कहना था कि कर्रवाई में उनकी पुलिस का इंवॉल्वमेंट नहीं है. इसलिए वह जब्त वाहनों को अपने थाना परिसर में नहीं लगा सकते. इससे नाराज डीटीओ ने इसकी शिकायत जिले के एसपी से की थी.
सुबह नहीं जगने पर हुई जानकारी
जानकारी के अनुसार हर दिन पुलिस अवर निरीक्षक लालजी यादव सुबह ही उठ जाया करते थे. लेकिन मंगलवार की सुबह नहीं जगे. सुबह में उन्हें नहीं देख कर साथी पुलिसकर्मियों ने उनके क्वार्टर में जाकर देखा जो वे फंदे से झुल रहे थे. इसकी सूचना मिलते ही पूरे थाना परिसर में अफरा तफरी मच गई. थाना के सारे स्टाफ और जवान क्वार्टर के आसपास जमा हो गए. बाद में इसकी सूचना जिले के एसपी औऱ पलामू रेंज के डीआईजी राजकुमार लकड़ा सहित अन्य अधिकारियों को दी गई. फिलहाल अनुसंधान का हवाला देते हुए थाना के अंदर किसी के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है.
2012 बैच के पुलिस अवर निरीक्षक थे लाल जी यादव
पुलिस अवर निरीक्षक लालजी यादव की आत्महत्या से उनके साथी पुलिसकर्मी हतप्रभ हैं. उनके साथ 2012 बैच में रहे पुलिस अवर निरीक्षक राणा जंग बहादुर सिंह ने बताया कि लालजी काफी मिलनसार और मृदुभाषी पुलिस अधिकारी थे. काम के प्रति हमेशा सचेत रहते थे. अचानक उसकी आत्महत्या की सूचना मिली, इससे वे सकते में पड़ गए. लाल जी ने ऐसा औऱ इतना बड़ा कदम कैसे उठा लिया, इसका उन्हें विश्वास नहीं हो रहा है.
रिपोर्ट : ज़फर हुसैन, पलामू
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