दुमका (DUMKA) - झारखंड के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बासुकिनाथ धाम में पौराणिक परंपरा के अनुसार मकर संक्रांति के दिन श्रद्धालु महादेव को तिल और चावल का भोग लगाकर उन्हें प्रसाद स्वरूप में ग्रहण किया जाता है. वहीं श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से मंदिर के मुख्य द्वार पर कोरोना जांच शिविर का आयोजन किया गया. ताकि बाबा बासुकीनाथ मंदिर में आए श्रद्धालुओं के बीच कोरोना संक्रमण को रोका जा सके.
स्नान और दान का विशेष महत्व
मकर संक्रांति के अवसर पर पंडा धर्मरक्षणी के अध्यक्ष मनोज पंडा ने बताया कि भगवान भास्कर मकर राशि में प्रवेश करने से ही मकर संक्रांति पर्व मनाया जाता है. साथ ही इस दिन स्नान और दान का विशेष महत्व है. आज के दिन स्नान और दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है.
रिपोर्ट : सुतिब्रो गोस्वामी, दुमका (जरमुंडी)
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