गुमला(GUMLA) जिला के दूर दराज के ग्रामीण आदिवासी छात्रों को शहर में आकर पढ़ाई करने में कोई दिक्कत ना हो इसको लेकर कल्याण विभाग की ओर से कई स्थानों पर छात्रावास का निर्माण करवाया गया है, लेकिन इन छात्रावासों का सही रुप से रख रखाव नहीं होने के कारण छात्रावास पूरी तरह से खंडहर बनता जा रहा है, वहीं इन छात्रावासों में शौचालय से लेकर पानी की किल्लत हो रही है, इसको लेकर कई बार छात्रों द्वारा आवाज भी उठाया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से खतरनाक भवनों में जान जोखिम में डाकर छात्र रहने को मजबूर है.
झारखंड सरकार द्वारा आदिवासी गरीब छात्रों को पढ़ाई की बेहतर सुविधा देने के लिए प्रति वर्ष करोड़ों रुपया खर्च किया जाता है इसके तहत गुमला में छात्रावासों का भी निर्माण करवाया गया है लेकिन रख रखाव के आभाव में छात्रावास पूरी तरह से बर्बाद हो रहे हैं. कल्याण विभाग द्वारा निर्मित गुमला के उरांव छात्रावास की स्थिति काफी दयनीय है इस भवन के अधिकांश कमरें की स्थिति पूरी तरह से खंडहर बन गयी है अब छात्रावास में पशुओं का डेरा बन गया है.छात्रों का कहना है कि यहाँ किसी प्रकार की सुविधा नहीं होने से काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. रसोई की व्यवस्था दो साल से नहीं होने से छात्र खुद ही खाना बना रहे हैं जिससे उनकी पढाई बाधित होती है.
छात्रावास में रहने वाले छात्रों की माने तो गरीबी के बीच किसी तरह से गांव में रहकर पढ़ाई करने के बाद आगे की पढ़ाई करने के लिए वे काफी सपना लेकर शहर में आये थे लेकिन जिस छात्रावास में रहने की जगह मिली उस भवन की स्थिति दयनीय है भवन से लगातार छत टुट कर गिरता रहता है, वही पानी होने पर छत से पानी गिरता रहता है अधिकांश खिड़की का अगला हिस्सा टुटे हुए है. वही इस मामले पर पदाधिकारियों से सम्पर्क किया गया तो पदाधिकारी कोरेनटीन पर होने के बात कर टाल गये,हालांकि जिला के उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही भवन को सही करवा दिया जायगा. अब देखना होगा कि इस बेहद ही खराब हालत में छात्रावास में रहने को विवश इन छात्रों की कोई सुनेगा या फिर आश्वाशन से ही काम चलाना पड़ेगा.
रिपोर्ट : सुशील कुमार सिंह,गुमला.
Recent Comments