धनबाद (DHANBAD)-अगर आप पशु पालने के शौक़ीन है, तो होशियार हो जाइए. पशु रखने वालों को अब उनके लिए जमीन भी रखनी होगी.  आमतौर पर बुढ़ापे या बीमारी की वजह से जानवर मर जाते है, जिसके बाद उन्हें दफ़नानाने के लिए जमीन की ज़रूरत पड़ती है. ऐसे में अगर आपके पास उन्हें दफ़नानाने के लिए निजी जमीन नहीं होगी तो वह आपके घर में ही पड़े रहेंगे.  वजह है कि अगर आप जमीन नहीं देंगे तो नगर निगम आपको उसे कही और दफ़नाने की इजाज़त नहीं देगा.  

आवारा पशुओं को दफ़नानाने की प्रक्रिया

धनबाद नगर निगम ने आदेश पारित किया है कि पशु मालिक को ही उनके मरने पर दफ़नानाने की जमींन देनी होगी या अंतिम संस्कार के लिए जगह बतानी होगी.  अगर आप जगह देंगे और निर्धारित 1500 शुल्क देंगे तभी आपके जानवर दफनाए जाएंगे.  निगम के आदेश पर सवाल उठाए जा रहे है कि जब आवारा पशु मेरेंगे तब निगम क्या करेगा.  शहर की सडकों पर अभी आवारा पशुओं की भरमार है. हर दो चार दिन पर किसी न किसी की जान ले ले रहे है. हालांकि, इसके लिए पशु रखने वाले भी काम दोषी नहीं है.  बता दें कि जब गाय जब दूध देना बंद कर देती है तो गवालों द्वारा उनके बछड़े को सड़क पर लावारिश छोड़ देते है.  वहीं धनबाद नगर निगम ने एक और नियम लागू किया है कि जीवन भर दूध से पैसा कमाने वाले गाय भैंस पालक यदि बुढ़ापे में उन्हें मरने के लिए लावारिस छोड़ देते है, तो उन पर कठोर कार्रवाई की जायें.

वीवीआईपी चौक पर लावारिस पशुओं का रहता है कब्ज़ा

शहर के कई प्रमुख सड़क के बीच मे जानवरों का बेफ़िक्री कब्जा ये बताता है कि हम सब बर्दास्त करने के लिये बने है. यक़ीन नहीं हों तो धनबाद नगर निगम के प्रधान कार्यालय से कुछ ही दूरी पर शहर के सबसे वीवीआईपी चौक में शुमार रणधीर वर्मा चौक पर इन दो सांड़ों की लड़ाई देख लीजिये. ये लड़ते लड़ते किसी राहगीर को भी नुक़सान पहुंचा सकते है. इसी रास्ते से जिला प्रशासन के तमाम अला अधिकारियों का आवागमन होता है, लेकिन इनकी नज़र इस ओर इनायत नहीं होती. 

रिपोर्ट:अभिषेक कुमार,धनबाद