दुमका(DUMKA)- कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए झारखंड सरकार ने अप्रैल माह में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह की शुरुआत की थी, जिसके आधार पर समय समय पर कुछ पाबंदी और कुछ रियायतों के साथ इसे लगातार बढ़ाया जाता रहा. इस स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के वजह से झारखंड के पवित्र तीर्थ स्थलों को आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया था. जिसके आधार पर दूसरे वर्ष भी बासुकीनाथ धाम में श्रावणी मेले का आयोजन नहीं किया जा सका, फलस्वरूप लोगों के बीच आर्थिक तंगी की स्थिति पैदा हो गयी. पंडा पुरोहितों और व्यापारी वर्ग के लोगों द्वारा लगातार बासुकीनाथ धाम मंदिर को आम श्रद्धलुओं के लिए खोलने को लेकर झारखंड सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाता रहा.
पंडा-पुरोहितों और फल-फूल विक्रेताओं में खुशी की लहर
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में सभी तीर्थ स्थलों को आम श्रद्धालुओं के लिए खोलने का निर्णय लिया गया. इस निर्णय के बाद बासुकीनाथ धाम के पंडा-पुरोहितों और फल-फूल विक्रेताओं के बीच खुशी की लहर दौड़ पड़ी. सभी ने सीएम हेमंत सोरेन के साथ भाजपा सांसद निशिकांत दूबे और कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के प्रति आभार जताया. बता दें कि पूजन करने आये श्रद्धालुओं को कम से कम एक टीका लेना अनिवार्य होगा साथ ही ई-पास से अधिकतम 100 व्यक्ति 1 घंटे में प्रवेश कर सकेंगे. 18 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति के प्रवेश पर रोक बनी रहेगी. साथ ही मंदिर परिसर में सामाजिक दूरी बनाना अनिवार्य होगा और बिना मास्क के प्रवेश पर पाबंदी रहेगी.
रिपोर्ट:सुतिब्रो गोस्वामी,जरमुंडी/दुमका
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