दिल्ली, जमशेदपुर

जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने  महामहिम राष्ट्रपति से आज  शिष्टाचार मुलाकात की. पुरानी यादें ताज़ा हुईं.बिहार-झारखंड के बारे में संस्मरण साझा हुए. सरयू राय ने जमशेदपुर में जन-सहभागिता युक्त नगर निकाय के गठन के लिये सार्थक हस्तक्षेप का आग्रह करते हुए पत्र सौंपा,विषय की विस्तृत जानकारी दी.महामहिम ने ध्यानपूर्वक सुना,आवश्यक पहल का आश्वासन दिया.

 

 

पत्र

------------

सेवा में,

महामहिम राष्ट्रपति महोदय,

भारत।

 

विषय :- भारत का संविधान के 74वें संशोधन के प्रावधान के अनुरूप झारखंड राज्य के

 जमशेदपुर शहर में अबतक नगरपालिका का गठन नहीं होने तथा यहाँ के नागरिकों

 को इस संबंध में विधिसम्मत अधिकार से वंचित रखे जाने के संबंध में.

 

महाशय,

मैं जमशेदपुर पूर्व विधान सभा क्षेत्र से झारखंड विधान सभा का सदस्य हूँ. विगत कई वर्षों से मैं प्रयत्न कर रहा हूँ कि जमशेदपुर में एक विधि सम्मत नगर निकाय का गठन झारखंड सरकार करे. 2005 में झारखंड सरकार ने जमशेदपुर में नगर निगम गठित करने का निर्णय किया था. विधान सभा से इस हेतु एक अधिनियम पारित हुआ था. परंतु यह निर्णय लागू नहीं हो सका. नतीजा है कि 1973 में हुए संविधान संशोधन में वृहत्तर शहरी क्षेत्रों हेतु नगर निगम/औद्योगिक शहर गठित करने का प्रावधान होते हुए भी अब तक यहां इसका गठन नहीं हो सका है.

सुलभ संदर्भ हेतु संविधान के अनुच्छेद 243Q का यह प्रावधान निम्नवत अंकित कर रहा हूँ :-

243Q  : नगरपालिका का गठन

(1) प्रत्येक राज्य में, इस भाग के उपबंधों के अनुसार,ः-

(क) ................................................................................

(ख) ................................................................................

(ग) किसी वृहत्तर नगरीय क्षेत्र के लिए नगर निगम का, गठन किया जाएगा :

“परंतु इस खंड के अधीन कोई नगरपालिका ऐसे नगरीय क्षेत्र या उसके किसी भाग में गठित नहीं की जा सकेगी जिसे राज्यपाल, क्षेत्र के आकार और उस क्षेत्र में किसी औद्योगिक स्थापन द्वारा दी जा रही या दिए जाने के लिए प्रस्तावित नगरपालिक सेवाओं और ऐसी अन्य बातों को, जो वह ठीक समझे, ध्यान में रखते हुए, लोक अधिसूचना द्वारा, औद्योगिक नगरी के रूप में विनिर्दिष्ट करे।”

 

महाशय, संविधान के अनुच्छेद 243Q में लघुत्तर शहरी क्षेत्रों लिये “नगर परिषद” और ग्राम से शहर में संक्रमणशील क्षेत्रों के लिये “नगर पंचायत” के गठन का प्रावधान है. संविधान के 74वें संशोधन के पूर्व लघुत्तर शहरी क्षेत्रों के नगर निकाय “नगरपालिका”और संक्रमणशील क्षेत्रों के नगर निकाय “अधिसूचित क्षेत्र समिति” कहे जाते थे.

 

74वें संशोधन के प्रावधानों को लागू करने के लिये एक वर्ष की समय सीमा निर्धारित की गई थी. विडम्बना है कि इतने वर्ष का समय बीत जाने के बावजूद जमशेदपुर में अभी तक “जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति” ही पूर्ववत कार्यरत है, जो संविधान सम्मत नहीं है. जमशेदपुर एक वृहतर शहरी क्षेत्र है. 74वें संविधान संशोधन के उपरांत एक वर्ष के भीतर यहाँ पर “नगर निगम अथवा औद्योगिक शहर” की स्थापना होनी चाहिये थी. परंतु ऐसा न होकर संक्रमणशील शहरी क्षेत्रों के लिये संशोधन के पूर्व में गठित की गई “जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति” ही यहाँ पर अभी भी कार्यरत है.

 

जमशेदपुर के एक जनप्रतिनिधि के नाते मैं वर्ष 2005 के बाद से अनेक बार राज्य सरकार, केन्द्र सरकार एवं राज्य में अन्य सक्षम प्राधिकारों के समक्ष यह विषय उठा चुका हूँ, परन्तु अभी तक इसका हल नहीं निकला है. जमशेदपुर में एक ऐसा नगर निकाय कार्यरत है जो संविधान सम्मत है. फलतः जमशेदपुर के नागरिक सामान्य नगरपालिका सेवाएँ प्राप्त करने तथा एक विधि-सम्मत नगर निकाय का गठन करने में अपना वैधानिक योगदान देने के संविधान सम्मत अधिकार से लंबे समय से वंचित हैं.

 

महाशय, आप संविधान एवं संविधान प्रदत्त नागरिक अधिकारों के सर्वाच्च संरक्षक हैं. अतः जमशेदपुर के नागरिकों को नगर निकाय गठन का संविधान प्रदत्त अधिकार दिलाने तथा जमशेदपुर में एक संविधान सम्मत नगर निकाय के गठन का मार्ग प्रशस्त करने हेतु आपसे सविनय अनुरोध है. कृपा कर केन्द्र सरकार, झारखंड सरकार एवं अन्य सक्षम प्राधिकार को इस दिशा में शीघ्रातिशीघ्र निर्णय लेने हेतु आवश्यक निर्देश देने का कष्ट करना चाहेंगे.

 

सादर,

भवदीय

 

सरयू राय