धनबाद(DHANBAD): झारखंड में एक नया सवेरा हुआ है. अपराधियों में पुलिस का खौफ पैदा हुआ है. इस नया सवेरा होने की शुरुआत रविवार की रात से ही प्रारंभ हो गई थी. अगले दिन सूर्य उदय के साथ ही खुलासा हुआ कि सोमवार का सवेरा कुछ खास है. झारखंड में शायद पहला ऐसा मौका होगा, जब कोई भी गैंगस्टर खुद चलकर थाने में सरेंडर किया होगा. यह अलग बात है कि हाल फिलहाल में झारखंड में दो एनकाउंटर हुए, जिसमें दो कुख्यात मारे गए, एक का एनकाउंटर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुआ. अमन साव , आशीष रंजन उर्फ छोटू सिंह और सूर्या हांसदा. यह ऐसे तीन नाम है, जो कभी झारखंड के अपराध की दुनिया में गूंजते थे, लेकिन वह अब हमेशा- हमेशा के लिए शांत हो गए है.
पांच लाख इनाम का किया गया था प्रस्ताव
दरअसल, हम बात कर रहे थे झारखंड में नए सवेरा का. तो पलामू इलाके का कुख्यात अपराधी गिरोह का सरगना गौतम कुमार सिंह उर्फ डब्ल्यू सिंह ने रविवार की रात ही थाने में सरेंडर कर दिया. झारखंड में फिलहाल संगठित गिरोह के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. सूत्र बताते हैं कि डब्लू सिंह पर ₹40,000 का इनाम घोषित था जिसे बढ़ाकर ₹5,00,000 करने का प्रस्ताव भी दिया गया था. किसी मामले में पलामू कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. बाद में वह जमानत पर बाहर निकला. उसके बाद वह फरार हो गया था. सूत्र बताते हैं कि 2007 में वह अपराध की दुनिया में कदम रखा. पलामू जिला के साथ-साथ अगल-बगल के कई जिलों में भी उसका साम्राज्य फैला हुआ था. पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार उसके खिलाफ लगभग तीन दर्जन मामले दर्ज है , जिनमें कुछ संगीन मामले भी शामिल है.
2025 में तीन कुख्यात अपराधियों का पुलिस मुठभेड़
इस साल के मार्च महीने से लेकर अब तक झारखंड के तीन कुख्यात अपराधियों का पुलिस मुठभेड़ में खात्मा हुआ है. इसी साल 11 मार्च को गैंगस्टर अमन साव पुलिस मुठभेड़ में मारा गया. उसे पुलिस की टीम पूछताछ के लिए रायपुर जेल से रांची ला रही थी. बताया गया था कि इसी दौरान पुलिस की गाड़ी पलामू के चैनपुर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई. मौका पाकर अमन साव पुलिस का हथियार छीनकर भागने लगा. इसके बाद पुलिस ने उस पर गोली चला दी. जिसे मौके पर ही उसकी मौत हो गई. उसके बाद झारखंड के दूसरे कुख्यात अपराधी आशीष रंजन उर्फ छोटू सिंह उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया. छोटू सिंह पर धनबाद जेल में गैंगस्टर अमन सिंह की हत्या कराने का भी आरोप था .
संथाल का डॉन भी एनकाउंटर में मारा गया
इधर, झारखंड के संथालपरगना में पुलिस के साथ मुठभेड़ में सूर्य नारायण हंसदा उर्फ सूर्या हंसदा की मौत हो गई. उस पर लगभग दो दर्जन मामले दर्ज थे. सूर्य नारायण हांसदा वर्ष 2005 में सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया. बोरियो सीट से झारखंड विकास मोर्चा के टिकट पर 2009 और 2014 में विधानसभा का चुनाव लड़ा. लेकिन दोनों बार उसे हार मिली. 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले वह भाजपा में शामिल हो गया. भाजपा ने उसे बोरिया सीट से टिकट दिया, लेकिन झामुमो के लोबिन हेंब्रम से वह चुनाव हार गया. वर्ष 2024 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने दोबारा सूर्यनारायण हांसदा को टिकट देने के बजाय लोबिन हेंब्रम को बोरियो सीट से टिकट दिया. इससे नाराज होकर उसने जयराम महतो के झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के टिकट से चुनाव लड़ा, लेकिन चुनाव हार गया.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
Recent Comments