रांची(RANCHI): राजधानी रांचीवासियों के लिए राहतभरी खबर है. वर्षों से ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर एक बड़ी उम्मीद बनकर सामने आया है. अब यह फ्लाईओवर निर्माण के अंतिम चरण में है और जल्द ही लोगों के लिए पूरी तरह खोल दिया जाएगा.

एंबुलेंस को मिली विशेष छूट

रांची के सांसद एवं केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ की पहल पर अब रातू रोड फ्लाईओवर से एंबुलेंस को गुजरने की अनुमति मिल गई है. यह निर्णय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधिकारियों के साथ हुई बातचीत के बाद लिया गया. मंत्री के निर्देश पर एनएचएआई ने तत्काल इस पर सहमति जताई. इस फैसले से पलामू, गढ़वा, लातेहार, चतरा, गुमला, लोहरदगा जैसे क्षेत्रों से रांची आने वाली एंबुलेंस को अनावश्यक ट्रैफिक जाम से बचाया जा सकेगा, जिससे मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाना संभव होगा. मंत्री संजय सेठ ने बताया कि सर्विस रोड के निर्माण कार्य के चलते जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही थी, और इसमें एंबुलेंस भी फंस रही थीं. कई बार मरीजों की जान पर बन आती थी. ऐसे में अब एलिवेटेड कॉरिडोर से सीधी आवाजाही संभव हो पाएगी.

फ्लाईओवर निर्माण कार्य अंतिम चरण में

रातू रोड में बन रहा एलिवेटेड फ्लाईओवर करीब 3 किलोमीटर लंबा है, जिसकी लागत लगभग 535 करोड़ रुपये है. यह कॉरिडोर नागा बाबा खाटल के पास किशोरी यादव चौक से शुरू होकर पिस्का मोड़ होते हुए इटकी रोड तक जाएगा. दूसरी ओर पंडरा रोड में ओटीसी ग्राउंड के समीप तक फ्लाईओवर का विस्तार हो रहा है. इस कॉरिडोर में कुल 101 पिलर का निर्माण किया गया है, जिसमें से एनएच-75 पर 87 पिलर और एनएच-23 पर इटकी रोड में 14 पिलर बनाए गए हैं. पिलरों पर कंक्रीट कास्टिंग (सीमेंट की ढलाई से बना रोड) का काम पूरा हो चुका है. रातू रोड फ्लाई

ओवर का काम वर्ष 2022 में शुरू हुआ था, और इसकी निर्धारित समाप्ति तिथि जनवरी 2025 थी. हालांकि अब मई 2025 तक निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है.
फ्लाईओवर की खूबसूरती बढ़ाने के लिए सोहराय पेंटिंग और हैंगिंग प्लांटेशन की योजना भी तैयार की गई है. यह न सिर्फ एलिवेटेड कॉरिडोर को सौंदर्य प्रदान करेगा, बल्कि रांची शहर को एक नई पहचान भी देगा.