धनबाद(DHANBAD): झरिया के बोर्रागढ़ का शिमलाबहाल इलाका. यह वही इलाका है, जहां सूर्यदेव सिंह बलिया से आकर भौंरा के बाद रहे थे. बोर्रागढ़ इलाका सूर्यदेव सिंह परिवार का गढ़ पहले भी था और आज भी है. समर्थकों की संख्या भी सर्वाधिक है. सूर्यदेव सिंह के समर्थक नौकरी, पेशा से लेकर अन्य रोजगार से जुड़े हुए है. लेकिन सूर्यदेव सिंह के परिवार में विवाद की वजह से समर्थक भी अलग-अलग खेमे में बंट गए है. यही वजह है कि शुक्रवार को पानी के छोटे से विवाद में विधायक रागिनी सिंह भी पहुंची तो रामधीर सिंह की बहू आसनी सिंह भी पहुंची. दोनों ने कहा कि मामला बहुत छोटा है.
आसनी सिंह ने कहा कि विधायक रागिनी सिंह किसी भी मामले में पहले माचिस मारती हैं, जब आग जलने लगती है तो राजनीतिक रोटी सेंकती है. मामला दो परिवार का था, मामा और भगिना का था. लेकिन विधायक को यहां भी राजनीति की और वह मीडिया के साथ पहुंच गई. दूसरी ओर एक सवाल के जवाब में यहां तक कह दिया कि आसनी सिंह कौन है, वह नहीं जानती. उन्होंने कहा कि झरिया में सब काम सही ढंग से हो रहा है. इसलिए विपक्षी परेशान है. उन्होंने बिना नाम लिए आसनी सिंह को भाड़े का टट्टू तक कह दिया. यह अलग बात है कि पुलिस सक्रिय हो गई और विवाद को बढ़ने नहीं दिया. वैसे भी रागिनी सिंह और आसनी सिंह के बीच पहले से ही रिश्ते ठीक नहीं थे.
लेकिन रागिनी सिंह के कार्यालय के बाहर कुछ महीने पहले हुई फायरिंग के बाद रिश्ते में और कड़वाहट आ गई है. विधायक रागिनी सिंह ने फायरिंग करने का आरोप आसनी सिंह के पति शशि सिंह पर लगाते हुए झरिया थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. शशि सिंह कोयला किंग रहे सुरेश सिंह हत्याकांड में फरार चल रहे है. वैसे भी, झरिया का बोर्रागढ़ चाहे सूर्य देव सिंह का परिवार हो, रामधीर सिंह का परिवार हो अथवा राजन सिंह का परिवार हो, सबके लिए यह इलाका महत्वपूर्ण है. और शायद यही वजह है कि छोटे से विवाद में बड़ा बवाल होते-होते टल गया.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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