दुमका(DUMKA): एक समय था जब अभिभावक अपने बच्चों को कहते थे कि खेलकूद में क्या रखा है. हां! शारीरिक तंदुरुस्ती के लिए थोड़ा दौड़ धूप कर लिया करो. समय बदला, सोच बदली. अब अभिभावक को भी लगने लगा है कि खेल में भी कैरियर की अपार संभावना है और ऐसा इसलिए हुआ कि ना केवल झारखंड बल्कि भारत में कई ऐसे खिलाडी हुए जिन्होंने पढ़ाई में फिसड्ड रहने के बावजूद खेल जगत में भारतीय तिरंगा विश्व पटल पर लहराया. आज के समय में क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर हो या एमएस धोनी, युवाओं के रोल मॉडल बन गए हैं.

दुमका के ग्रामीण क्षेत्रों में खेल के क्षेत्र में छिपी प्रतिभा को निखारने के लिए शहर के कुछ युवाओं ने मिलकर गुरुजी स्पोर्ट्स अकादमी का गठन किया. इसका नामकरण झामुमो सुप्रीमो दिसोम गुरु शिबू सोरेन के नाम पर किया गया है. अकादमी के बैनर तले दो नंबर से दुमका के सिदो कान्हू उच्च विद्यालय में हैंड बॉल ट्रेनिंग कैंप का आयोजन किया गया, जिसका आज समापन हो गया.

बच्चों को सिखाए गए हैंड बॉल के गुर

इस शिविर में जिले के 100 से ज्यादा छात्र-छात्राओं ने भाग लिया. स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के तरफ से दो कोच और स्थानीय स्तर पर भी कोच ने सुबह शाम इन बच्चों को हैंड बॉल के गुर सिखाए. समापन समारोह के मौके पर जिले के प्रसिद्ध चिकित्सक सह समाजसेवी डॉ तुषार ज्योतिष द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त छात्रों के बीच प्रमाण पत्र का वितरण किया गया. अपने संबोधन में डॉक्टर तुषार ज्योति ने बच्चों को लगन और परिश्रम के साथ खेलने की सलाह दी. साथ ही खेल के दौरान इंजरी से कैसे बचा जाए उसके बारे में भी विस्तार से बताया. वहीं संघ के अध्यक्ष रवि यादव ने कहा कि दिसोम गुरु शिबू सोरेन के नाम पर इसका गठन किया गया है और ना केवल हैंडबॉल में बल्कि तमाम तरह के खेलों में ग्रामीण क्षेत्रों में छिपी प्रतिभा को बाहर लाकर उसे निखारना इसका मकसद है. उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में गुरुजी सपोर्ट अकादमी का विस्तार किया जाएगा.

रिपोर्ट: पंचम झा, दुमका