धनबाद(DHANBAD): अभी-अभी धनबाद के गया पुल अंडरपास का संशोधित प्राक्कलन झारखंड के कैबिनेट से पास हुआ ,तो श्रेय लेने की होड़ मच गई. सांसद ,पूर्व सांसद से लेकर विधायक तक सब कहने लगे कि उन्ही के प्रयास से यह हुआ है. लेकिन अन्य मामलों को लेकर धनबाद के लोग कितने परेशान और तबाह हैं, इसे ना तो कोई देखने वाला है और ना सुधार का श्रेय लेने वाला है. धनबाद से चलने वाली गंगा दामोदर एक्सप्रेस धनबाद में रहने वाले बिहार के लोगों का सहारा है. पटना ही से नहीं ,बल्कि बिहार के कई जिलों से लोग धनबाद आते हैं और फिर जाते है.
यात्रियों को रात भर प्लेटफॉर्म पर क्यों बितानी पड़ी रात
क्या आप यह सोच सकते हैं कि गंगा दामोदर से धनबाद आने वाले सैकड़ो यात्रियों को शनिवार की रात पटना स्टेशन के प्लेटफार्म पर काटनी पड़ी होगी. पूर्व मध्य रेलवे लगातार इस ट्रेन के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है. फिर भी कहीं से कोई आवाज नहीं निकल रही है. क्या रेलवे इतना गरीब हो गया है कि उधारी की रैक से इस महत्वपूर्ण और कमाऊ ट्रेन को चला रहा है.
गंगा दामोदर की रैक से चलती है दुमका -पटना एक्सप्रेस
दरअसल, दुमका -पटना एक्सप्रेस की देरी से पटना पहुंचने के कारण गंगा दामोदर एक्सप्रेस पटना से शनिवार की रात 11:20 बजे के बजाये रविवार की सुबह 8:16 पर खुली. यानी ट्रेन 8 घंटे से भी अधिक विलंब समय से पटना से खुली. अंदाज लगा सकते हैं कि गंगा दामोदर से यात्रा करने वाले कितने परेशान हुए होंगे? यह भी जान लीजिये कि दुमका- पटना एक्सप्रेस के 5 घंटा देरी से चलने की सूचना एक दिन पहले से बताई जा रही थी. लेकिन इसी रैक से चलने वाली गंगा दामोदर के विलंब से चलाने की सूचना यात्रियों को शनिवार की देर रात तक नहीं दी गई. रात में गंगा दामोदर एक्सप्रेस पहले 3 घंटा देरी से चलने की घोषणा हुई ,फिर इसे 7 घंटे 40 मिनट की देरी से चलाने की खबर प्रसारित हुई. जबकि ट्रेन पटना से 8 घंटे से भी अधिक देरी से खुली.
गंदगी के बीच गंगा दामोदर एक्सप्रेस में यात्रा की क्यों है मज़बूरी
फिलहाल स्थिति यह है की गंगा दामोदर एक्सप्रेस की साफ- सफाई भी सही ढंग से नहीं होती. ट्रेन दुमका से पटना स्टेशन के प्लेटफार्म पर आने के बाद इसे यार्ड में भी नहीं ले जाया जाता है. इसे प्लेटफार्म से ही बिना साफ -सफाई किए धनबाद के लिए रवाना कर दिया जाता है. रविवार की सुबह लगभग 7 बजे दुमका पटना एक्सप्रेस पटना स्टेशन पहुंची. फिर इसे गंगा दामोदर बना कर सुबह 8:16 पर खोल दिया गया.यह ट्रेन लाइफ लाइन के रूप में जानी जाती है. बड़े आंदोलन के बाद यह ट्रेन चालू हुई थी, लेकिन पूर्व मध्य रेलवे इस ट्रेन से लगातार छेड़छाड़ की कोशिश करता रहा है. धनबाद के लोग उम्मीद करेंगे कि गया पुल अंडर पास का श्रेय लेने वाले जनप्रतिनिधि इस ट्रेन की बदहाली पर भी अपनी आवाज बुलंद करेंगे.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो

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