धनबाद(DHANBAD): झारखंड की निगरानी ब्यूरो ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है.  उसे सफलता भी मिल रही है.  घूसखोर लोग जेल जा रहे हैं ,फिर भी घूसखोरी रुक नहीं रही है.  गरीब और अनपढ़ लोगों को भी निशाना बनाया जा रहा है.  उन्हें तरह-तरह से बरगला कर राशि  वसूल की जा रही है.  सभी पीड़ित के पास इतना साहस और क्षमता नहीं होती, कि  घूसखोरी कांड की शिकायत बड़े  अधिकारियों से कर सके.  वैसे, तो प्रखंड और अंचल कार्यालयो  में सक्रिय लोग अधिकारियों तक शिकायतकर्ताओं को पहुंचने ही नहीं देते.  सरकार जनता दरबार का आयोजन कर रही है, जिसमे  लोग  अपनी बात बड़े  अधिकारियों से कह  सके.  झारखंड पुलिस भी शिविर  लगाकर शिकायतें सुन रही है और उन  पर त्वरित  करवाई का प्रयास कर रही है.  वहां पहुंचे लोग अपनी शिकायतें कर सकते है. 

ऐसे हुआ घूस  कांड का खुलासा,राशि लौटानी पड़ी  
 
ठीक इसी  समय   बोकारो में  एक रोचक घूसकांड का खुलासा हुआ है.  घूस लेने वाले ने राशि तो लौटा दी है लेकिन उसके बाद भी एक्शन की तलवार उस पर लटक गई है.  वह अबुआ आवास स्वीकृत कराने  के नाम पर लाभुक  से ₹20,000 बतौर घूस लिया था.  दरअसल, पिछले दिनों बोकारो के चंदनकियारी प्रखंड सह  अंचल कार्यालय में आयोजित जनता दरबार में एक लाभुक ने डीसी से शिकायत की थी कि पंचायत के रोजगार सेवक अमर कुमार बाउरी  ने₹20,000 ले लिए है.  यह  रुपए उसने अबुआ  आवास स्वीकृति के कराने के बहाने लिए.  इस संबंध में लाभुक ने डीसी के सामने कई सबूत  भी प्रस्तुत किए थे. 

डीसी ने शिकायत को गंभीरता से लिया और तुरंत जांच हुआ 
 
उपायुक्त ने इसे गंभीरता  से लिया और तुरंत जांच करने का आदेश दिया.  जांच में मामला सही मिलने  के बाद पहले तो डीसी ने संबंधित रोजगार सेवक को घूस   में ली गई राशि अविलंब  वापस करने को कहा और फिर संबंधित रोजगार सेवक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को लेकर डीआरडीए के निर्देशक को निर्देश दिया है. लाभुक  को  राशि वापस मिलने के बाद सूबेदार चौधरी नामक लाभुक  काफी खुश हुआ.  राशि वापस मिलने के बाद मंगलवार को लाभुक सूबेदार चौधरी उपायुक्त कार्यालय पहुंचे और डीसी के प्रति आभार जताया.  बोकारो डीसी ने कहा है कि आम जनों को किसी भी स्तर पर परेशान करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो