धनबाद(DHANBAD): झारखंड कांग्रेस के बड़े पदों पर बैठे लोगों की हल्क सूख रहा है. कब उन्हें हटाने का आदेश आ जाए, यह कहा नहीं जा सकता है. झारखंड में कांग्रेस के नए प्रभारी के राजू संगठन को लेकर नए प्रयोग कर रहे है. धनबाद में भी हलचल है. सूत्रों की माने तो प्रभारी संगठन को सुदृढ़ करने, बड़े पदों पर बैठे लोगों के क्रियाकलापों की फीडबैक के लिए अपनी टीम बना रखी है. यह टीम लोगों से मिलकर फीडबैक ले रही है. सूत्र तो दावा कर रहे हैं कि प्रभारी के टीम के सदस्य झारखंड में काम कर रहे है. प्रभारी ने कुछ समय के लिए कुछ टास्क दिया है. इसमें ब्लॉक से लेकर प्रदेश तक के लिए अलग-अलग कार्य निर्धारित किए गए है.
जुलाई में हो सकता है बड़ा उलटफेर
जुलाई में इसकी समीक्षा होगी, इसके बाद तो कई जिला अध्यक्ष से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक की किस्मत पर फैसला होगा. अब ड्राइंग रूम पॉलिटिक्स के तहत जिला अध्यक्षों की नियुक्ति नहीं होगी. जिला अध्यक्षों के लिए भी कई क्राइटेरिया निर्धारित होंगे. जो जिला अध्यक्ष उसमें फिट बैठेंगे, उनको कुर्सी मिलेगी. इसके साथ ही जिला अध्यक्ष को और सशक्त बनाने की भी तैयारी है. जिला अध्यक्ष टिकट के बंटवारे में भी भूमिका निभा सकते है. नए प्रभारी के एक्शन के बाद यह माना जा रहा है कि झारखंड में कुछ बड़े बदलाव हो सकते है. ऐसे में निष्क्रिय कांग्रेस के लोगों की सक्रियता एकाएक बढ़ गई है. कुछ धनबाद से रांची , रांची से दिल्ली की दौड़ लगा रहे है. वैसे तो प्रदेश अध्यक्ष के लिए कई लोग अपने-अपने ढंग से लॉबिंग कर रहे है. उन्हें पूरी उम्मीद है कि वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भी बदले जा सकते है. ऐसे कई लोगों ने अपनी ताकत दिखाई है. इसका मकसद सिर्फ एक ही है कि आलाकमान की नजर में वह पहुंच जाए.
झारखंड सरकार में शामिल है कांग्रेस
कांग्रेस अभी झारखंड की सरकार में शामिल है. कांग्रेस के चार मंत्री काम कर रहे है. इन मंत्रियों के क्रियाकलापों की भी समीक्षा हो रही है. बिहार में अभी चुनाव है, झारखंड के किसी भी एक्शन का असर बिहार पर भी पड़ता है और बिहार के किसी कार्रवाई का असर झारखंड पर पड़ता है. ऐसे में माना जा रहा है कि झारखंड में कांग्रेस संगठन के मामले में नए पैटर्न की राजनीति शुरू कर दी है. देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस अपनी खोई जमीन को हासिल करने के लिए और क्या-क्या कदम उठाती है. वैसे, झारखंड में कांग्रेस को 2019 में भी 16 सीट आई थी और 2024 के चुनाव में भी 16 सीट मिली है. वैसे, देश स्तर पर कांग्रेस में बदलाव दिख रहा है. बिहार में तो गठबंधन में रहने के बावजूद कांग्रेस फ्रंटफुट पर खेलती दिख रही है. कांग्रेस कह रही है कि बिहार में वह गठबंधन में रहेंगी जरूर, लेकिन मजबूती के साथ काम करेगी. देखना दिलचस्प होगा कि आगे आगे होता है क्या??
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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