धनबाद(DHANBAD): झारखंड शराब घोटाले को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने तीखा हमला बोला है.  उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर  पोस्ट कर कहा है कि जहां तक स्मरण हो रहा है कि जब छत्तीसगढ़ सिंडिकेट के साथ मिलकर झारखंड में शराब घोटाले की तैयारी हो रही थी, तब झारखंड से सचिव  स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में अधिकारियों की एक टीम छत्तीसगढ़ भेजी गई थी.  टीम को अध्ययन कर  रिपोर्ट देनी थी.  इन अधिकारियों ने रायपुर दौरा कर मात्र  24 घंटे में छुट्टी के दिन अपनी रिपोर्ट बनाकर छत्तीसगढ़ मॉडल अपनाने के अनुशंसा कर दी थी. 

 इसे लेकर मीडिया से लेकर चौतरफा  आलोचना हुई थी.  झारखंड निगरानी ब्यूरो अगर इस शराब घोटाले के तह तक जाना चाहता है, तो उसे रायपुर गई कमेटी में शामिल सारे लोगों की भूमिका एवं सहभागिता को जांच के दायरे में शामिल करना चाहिए.  इस बात की जांच कर कार्रवाई करनी चाहिए कि रायपुर गई टीम ने वहां किन लोगों से मुलाकात की.  क्या "डील"  हुई.  वह "डील"  करने में कौन लोग शामिल थे, किसके दबाव में उस टीम को महज 24 घंटे में छुट्टी के दिन भी छत्तीसगढ़ मॉडल अपनाने की  अनुशंसा वाली रिपोर्ट देनी  पड़ी थी.  

बता दें कि झारखंड में अभी शराब घोटाले को लेकर खूब चर्चा है.  निगरानी ब्यूरो इस मामले की जांच कर रहा है.  अधिकारियों की गिरफ्तारी की गई है.  उनसे पूछताछ की जा रही ही.  शराब घोटाले में गिरफ्तार आईएएस विनय चौबे समेत चार अधिकारी सस्पेंड कर दिए गए हैं. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने शराब घोटाले में इन्हें पिछले दिनों गिरफ्तार किया था. जिन चार अधिकारियों को निलंबित किया गया है, उनमें तत्कालीन उत्पाद सचिव (आईएएस) विनय चौबे और संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह, जियाडा के रीजनल डायरेक्टर और जेएसबीसीएल के तत्कालीन जीएम सुधीर कुमार और वर्तमान जीएम फाइनेंस सुधीर कुमार दास शामिल हैं.

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो