हजारीबाग :रोज़गार की तलाश में राज्य से बाहर जाने वाले प्रवासी मजदूरों की मौत का सिलसिला जारी है. हजारीबाग जिले के चलकुसा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बेडमाकी (पोस्ट चौबे) निवासी चमन महतो के 47 वर्षीय पुत्र छोटु यादव का 23 अगस्त को मुंबई के कांदिवली में निधन हो गया. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
छोटु यादव कांदिवली में मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे. वे अपने पीछे पत्नी धनेश्वरी देवी और दो छोटे बच्चों को छोड़ गए. घर के अकेले कमाऊ व्यक्ति की असामयिक मौत से परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है.
झारखंडी एकता संघ ने की मदद
परिवार और ग्रामीणों की सूचना पर झारखंडी एकता संघ के केंद्रीय सदस्य तौफीक अंसारी एवं बोरीवली इकाई अध्यक्ष भीम कुमार गुप्ता सक्रिय हुए. संघ के उपाध्यक्ष निज़ाम इराकी सहित कई सदस्य अस्पताल पहुंचे और परिजनों को सांत्वना दी. कागजी प्रक्रिया पूरी करने और लोगों से सहयोग राशि जुटाने के बाद शव को हवाई जहाज़ से झारखंड भेजा गया. इस घटना पर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष असलम अंसारी, कार्यकारी अध्यक्ष फिरोज़ आलम, उपाध्यक्ष सलीम अंसारी, सदरुल शेख़, विनोद प्रसाद, ताज हसन अंसारी, संतोष कुमार, असगर खान सहित कई पदाधिकारियों ने गहरी संवेदना प्रकट की.
प्रवासी मजदूरों की सरकार नहीं करती मदद
संघ के नेताओं ने कहा कि प्रवासी मजदूरों की मौत कोई नई बात नहीं है। पिछले वर्षों में देश-विदेश में कई मजदूरों की मौत हुई है, लेकिन झारखंड सरकार और जनप्रतिनिधि उनकी मदद में आगे नहीं आते. प्रवासी मजदूरों को केवल आश्वासन मिलता है, ठोस सहायता नहीं. गौरतलब है कि झारखंडी एकता संघ अब तक करीब 290 प्रवासी मजदूरों के शव गांव भेजने में सहयोग कर चुकी है. संघ पिछले 20 वर्षों से सरकार से प्रवासी कल्याण आयोग गठन की मांग कर रहा है, ताकि बाहर काम करने वाले मजदूरों को सुरक्षा और समय पर मदद मिल सके.
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