धनबाद(DHANBAD): धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे मरीज  पूछ रहे थे  कि मंत्री जी! क्या हुआ आपकी घोषणा का.  यहां तो एक्स -रे के लिए उन्हें पैसे देने पड़ रहे है.  बिना पैसे दिए एक्स -रे नहीं हो रहा है.  बता दें कि रविवार को अस्पताल के निरीक्षण के दौरान झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने निर्देश दिया था कि जब तक अस्पताल में एक्स -रे प्लेट की व्यवस्था नहीं होती है ,तब तक निजी जांच केंद्र में मरीजो  का निशुल्क एक्स -रे कराया जाये.  इसका खर्च सरकार उठाएगी, लेकिन दूसरे दिन ही मरीजों से एक्स -रे  के लिए पैसे लिए गए.  सोमवार को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में PPP   मोड में चल रहे एक्स-रे  सेंटर में पूरे दिन हंगामा होता रहा. 

मरीज और उनके परिजन निशुल्क एक्स -रे  की मांग कर रहे थे
 
मरीज और उनके परिजन निशुल्क एक्स -रे  की मांग कर रहे थे.  वहीं केंद्र का संचालक इसके लिए   तैयार नहीं था.  गौरतलब  है कि धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में फिल्म नहीं होने के कारण गुरुवार से एक्स -रे बंद है.  इससे  मरीज परेशान है.  रविवार को मेडिकल कॉलेज पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वह मरीज के नि शुल्क एक्सरे करने की व्यवस्था करे.  उसका खर्च  सरकार उठाएगी, मंत्री के इस निर्देश के बाद अगले दिन सुबह से ही मरीज निशुल्क एक्स -रे कराने  के लिए सेंटर पहुंचने लगे.  वहां लंबी कतार थी, लोग मंत्री के निर्देश का हवाला देते हुए पैसा देने से इनकार कर रहे थे.  वहीं, केंद्र संचालक के कर्मी बिना पैसा लिए एक्स -रे करने को तैयार नहीं थे.  इसको लेकर विवाद होता रहा.

लाल और पीला राशन कार्ड वालों का हो रहा निशुल्क एक्स -रे 
  
सेंटर संचालक   की माने तो वह लाल और पीला राशन कार्ड वाले मरीजों का ही निशुल्क एक्स -रे  कर रहे है.  स्वास्थ्य मंत्री रविवार को जब अस्पताल पहुंचे थे , तो उन्होंने कहा था कि व्यवस्था पुरानी है.  इसको बदलने में वक्त लगेगा.  अस्पताल भवन भी सुरक्षित नहीं है.  उन्होंने यह भी कहा था कि जमशेदपुर में घटित घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो, इसके लिए वह लगातार अस्पतालों का निरीक्षण कर रहे है.  जिस तरह रिम्स के भवन को तोड़कर नया भवन बनाने का निर्णय हुआ है, इसी  तरह वह मुख्यमंत्री से बात कर धनबाद के अस्पताल को भी नई बिल्डिंग दिलाने का प्रयास करेंगे.  लेकिन एक्स-रे फिल्म की वजह से सरकारी एक्सरे मशीन में काम नहीं हो रहा हो, तो इसे क्या कहा जाए??

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो