धनबाद (DHANBAD) : झारखंड में कांग्रेस, महागठबंधन में अपनी "ताकत" का लिटमस टेस्ट तो नहीं कर रही है? झामुमो का "रिएक्शन' तो नहीं जानना चाह रही है? मामला चाहे सरना धर्मकोड का हो अथवा निकाय चुनाव का. निकाय चुनाव में कांग्रेस आगे-आगे चलना शुरू कर चुकी है. इसके पीछे कांग्रेस की क्या रणनीति है, इसका तो बहुत स्पष्ट खुलासा नहीं हुआ है. लेकिन प्रदेश के 13 नगर निकाय के चुनाव के लिए कांग्रेस ने पर्यवेक्षक की नियुक्ति कर दी है. इसके लिए जिला अध्यक्षों को मौखिक निर्देश भी दे दिया गया है. झारखंड मुक्ति मोर्चा इस मामले में अभी सक्रिय नहीं हुआ है. यह बात भी सच है कि निकाय चुनाव भी कम महत्वपूर्ण नहीं होता है. झारखंड में निकाय चुनाव अगर जल्द हुआ तो कम से कम झारखंड की तीन बड़ी पार्टियों के प्रदेश अध्यक्ष की परीक्षा हो सकती है. झामुमो झारखंड में सबसे बड़ी पार्टी है. जिसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हैं, दूसरी बड़ी पार्टी भाजपा है, जिसके फिलहाल अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी हैं, तीसरी बड़ी पार्टी कांग्रेस है, जिसके अध्यक्ष केशव महतो कमलेश है.
झारखंड में निकाय चुनाव दलगत आधार पर अभी तक नहीं हुआ है
झारखंड में निकाय चुनाव दलगत आधार पर अभी तक नहीं हुआ है. इस बार क्या निर्णय होगा, यह कहना अभी जल्दबाजी होगी. लेकिन कांग्रेस के रुख से अंदाजा लगाया जा रहा है कि कांग्रेस दलगत आधार पर चुनाव कराने का दबाव बनाएगी, इसमें वह कितना सफल होगी, यह कहना अभी मुश्किल है. अलग बात है कि निकाय चुनाव में प्रत्याशियों के समर्थन में पार्टिया खड़ी रहती हैं, जीतने के बाद अपना समर्थक घोषित करती है. 2020 के निकाय चुनाव में भी ऐसा ही हुआ था. 2020 से चुनाव नहीं होने की वजह से विकास कार्यों में भी बाधा हो रही है, तो शहर की सरकार काम नहीं कर रही है. सारी व्यवस्थाएं सरकार के अधीन है. कहा जा रहा है कि झारखंड में गठबंधन की सरकार है, ऐसे में निकाय चुनाव में उम्मीदवारों के समर्थन को लेकर संकट पैदा हो सकता है. इसलिए भी झामुमो चुनाव से हाथ पीछे खींच रहा है. क्योंकि 2019 से 2024 के कार्यकाल में भी चुनाव नहीं कराए गए और वर्तमान कार्यकाल भी 6 महीना से अधिक हो गया है. अब देखना होगा कि चुनाव कब और कैसे होते है.
कांग्रेस के पर्वेक्षक नियुक्ति को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म
हालांकि कांग्रेस के पर्यवेक्षक नियुक्त करने को लेकर कई तरह की चर्चाएं चल रही है. कांग्रेस ने सूची भी सार्वजनिक कर दी है. देवघर नगर निगम मधुपुर नगर परिषद एवं गोड्डा नगर परिषद के लिए कांग्रेस विधायक दल नेता प्रदीप यादव, महगामा नगर परिषद-दीपिका पांडे सिंह, बासुकीनाथ नगर परिषद-बादल पत्रलेख,चतरा नगर परिषद एवं लातेहार नगर पंचायत- के एन त्रिपाठी, चास नगर निगम- श्वेता सिंह,चिरकुंडा नगर परिषद- अनुपमा सिंह, धनबाद नगर निगम-अजय दुबे, रांची नगर निगम एवं कपाली नगर परिषद- यशस्विनी सहाय, बुंडू नगर पंचायत एवं खूंटी नगर पंचायत- कालीचरण मुंडा,सिमडेगा नगर परिषद भूषण बारा,गुमला नगर परिषद- सुखदेव भगत, लोहरदगा-नगर परिषद डॉ रामेश्वर उरांव, बचरा नगर पंचायत- अंबा प्रसाद, रामगढ़ नगर परिषद- ममता देवी,हजारीबाग नगर निगम- मुन्ना सिंह, पाकुड़ नगर परिषद-निशत आलम, मिहिजाम नगर परिषद एवं जामताड़ा नगर पंचायत-डॉ इरफान अंसारी, फुसरो नगर परिषद कुमार जय मंगल उर्फ अनूप सिंह, मानगो-नगर निगम बन्ना गुप्ता, बिश्रामपुर नगर परिषद एवं माझियाँव-नगर पंचायत सुधीर कुमार चंद्रवंशी,छतरपुर नगर पंचायत- राधाकृष्ण किशोर,मेदिनी नगर नगर निगम- के एन त्रिपाठी को पर्यवेक्षक मनोनीत किया गया है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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