रांची(RANCHI): झारखंड में अब तक मंईयां योजना की गूंज हर तरफ सुनाई दे रही है. सदन के अंदर से लेकर सड़क और चुनाव में अब तक तरफ इस योजना का जिक्र हो रहा था. लेकिन इन सब के बीच पीएम मोदी तक की देश की सबसे बड़ी योजना की खबर पहुंच गई. यह मामला नीति आयोग की बैठक में सामने आया है. कैसे पूरी जानकारी पीएम तक पहुंची यह आगे बताएंगे. इससे पहले इस योजना के बारे में बताते है. क्या है और कब शुरुआत की गई.

झारखंड में 56.61 हजार महिलाओं को योजना का लाभ दिया जा रहा है. नौ माह से अब तक सभी बेटी बहन के खाते में पैसा जा रहा है. हालांकि  सत्यापन के बाद में कुछ लोगों का नाम काटा गया है. योजना की शुरुआत में एक हजार रुपये की राशी दी जा रही थी. जिसके चार किस्त के बाद बढ़ा कर 2500 कर दिया गया. जिससे यह योजना की चर्चा हर तरफ है. झारखंड ही नहीं राज्य से बाहर भी जब भी किसी महिलाओं को सम्मान देने की बात आती है तो उसमें उद्धारण के तौर पर मंईयां योजना का जिक्र किया जाता है.

इस योजना को लाने के पीछे का उद्देश्य साफ है कि नारी शक्ति को कैसे मजबूत करें और बेटी बहन को स्वावलम्बी कैसे बनाएं. महिला सशक्तिकरण का इससे बेहतर कोई दूसरा विकल्प नहीं हो सकता है. साथ ही सीएम हेमंत की सबसे बड़ी योजना में से यह शामिल है. अपने वादे के मुताबिक इसे हर तरह से बेहतर कर रहे है. कोई भी अड़चन आती है तो तुरंत एक्शन देखने को मिलता है. जब मंईयां योजना की लाभूक को बैक खाता लिंक करने की बारी आयी तो खुद सीएम ने विभाग को आदेश दिया और कैम्प लगवा कर सभी की समस्या को दूर करने का काम किया है.

अब जब देश में इस योजना की चर्चा है और इस बीच नीति आयोग की बैठक हुई. जिसकी अध्यक्षता पीएम मोदी कर रहे थे. जैसे ही हेमंत सोरेन ने महिला सशक्तिकरण पर बताया कि वह 50 लाख से अधिक बेटी बहन को हर माह 2500 रुपये मंईयां योजना के जरिए दे रहे हैं. इस पैसे से महिलाओं के जीवन में बेहतर ग्रोथ हुआ है. अब झारखंड की बेटी किसी की मोहताज नहीं है. इसके बाद तो सभी सीएम हेमंत को देखते रह गए. खुद पीएम ने भी इस योजना की सराहना की है.