धनबाद (DHANBAD) : धनबाद की 130 शराब दुकानों की बंदोबस्ती हो गई है. रांची से दुकानों की ऑनलाइन लॉटरी हुई और बंदोबस्ती की गई. इस बार के शराब ठेके में कई नई बातें सामने आई है. कुछ का अधिपत्य टूटा है, तो कई नए का प्रवेश हुआ है. कहा जाता है कि पुराने और घाघ शराब कारोबारी लगभग आउट हो गए है. एक दो ही आवंटन लेने में रुचि दिखलाई है. 51 में से 6 ग्रुप की दुकानें महिलाओं के नाम से मिली है. कुछ कुछ नए दबंग भी शराब के ठेके में इस साल शामिल हुए है. कुछ ऐसे भी हैं, जिन्हें शुक्रवार के पहले तक शराब के ठेके से कोई लेना-देना नहीं था. पहली बार वह इस ठेके में हाथ आजमा रहे है.
कुल 130 दुकानों की हुई है बंदोबस्ती
इस ठेके में उन्हें आगे कितनी सफलता मिलेगी, यह भविष्य की बात है. धनबाद जिले के 51 समूह में कुल 106 कंपोजिट और 24 देसी शराब दुकानों की बंदोबस्ती की गई है. दुकान लेने के लिए कुल 490 आवेदन प्राप्त हुए थे. 5% जमानत राशि की दर से 17 करोड़ 73 लाख 63 हज़ार 819 रुपए उत्पाद विभाग को मिलेंगे. 7.5% अग्रिम उत्पाद परिवहन कर के मद में 26 लाख 60 हज़ार 45 हज़ार रुपए प्राप्त होंगे. सभी दुकानों से विभाग को एक करोड़ 57 लाख 90 हज़ार रुपए शुल्क के रूप में प्राप्त होंगे.
1 सितंबर 2025 से 31 मार्च 2026 तक के लिए हुई है बंदोबस्ती
शराब बंदोबस्ती की अवधि 1 सितंबर 2025 से 31 मार्च 2026 तक के लिए की गई है. सूत्र बताते हैं कि जिले के 51 ग्रुप में छह ग्रुप की लॉटरी महिला आवेदको के नाम रही. उत्पाद विभाग के सूत्रों के अनुसार 106 विदेशी और 24 देसी शराब दुकानों की बंदोबस्ती हुई है. पहली बार धनबाद में शराब बंदोबस्ती प्रक्रिया में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है. शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र की दुकाने भी महिलाओं के नाम रही. यह भी बात सामने आई है कि सिर्फ झारखंड ही नहीं, बल्कि अगल-बगल के राज्य के लोग भी शराब के ठेके लिए है.
अधिकतर नए खिलाडी दुकाने लेने में सफल हुए है-सूत्र
इस प्रक्रिया में अधिकतर नए खिलाड़ी ही सफल हुए है. वैसे, कोयलांचल के सभी धंधों में मारामारी रहती है. ठेका हो या और कोई काम, कोयले का ट्रांसपोर्टेशन हो, सब काम में माफिया गैंग शामिल होते है. शराब के ठेके में तो पहले से ही गैंग के लोग शामिल रहते आए है. हालांकि एक सूत्र का कहना है कि शराब के ठेके में अब बहुत कुछ नहीं रह गया है. एक नंबर से अगर काम हो ,तो नुकसान ही होगा. इस वजह से उत्पाद विभाग को शराब के ठेके से लेकर बिक्री तक में निगाह बनाए रखनी होगी. चूहों के शराब पीने का चर्चित मामला धनबाद में ही हुआ था. यह मामला भी शराब की बिक्री में घालमेल का ही नतीजा था. वैसे, पूरे झारखंड में शराब चर्चे में रही है. 1 सितंबर से झारखंड में नई शराब नीति लागू होगी और उसी के तहत धनबाद की 130 दुकानों की बंदोबस्ती की गई है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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