पाकुड़ (PAKUR): हिरणपुर बाजार के बीचोबीच स्थित ऐतिहासिक दामिन डाकबंग्ला परिसर आज गंजेड़ियों और नशेड़ियों का सुरक्षित अड्डा बन चुका है. दिन हो या रात – यहां हर वक्त नशे की महफिल सजती है, और कानून आंखें मूंदे खड़ा नजर आता है. बाजार की गलियों में खुलेआम बिक रहे नशीले पदार्थों ने हिरणपुर की आत्मा को झकझोर दिया है.

नारकोटिक्स एक्ट की मौजूदगी के बावजूद, कार्रवाई ‘शून्य’

कागजों में कानून है, मगर जमीन पर उसका कोई असर नहीं दिखता. पुलिस और आबकारी विभाग अब तक एक भी बड़े नशा कारोबारी पर ठोस कार्रवाई नहीं कर पाए हैं. सूत्रों की मानें तो बाजार में एक सक्रिय गांजा माफिया पूरे नेटवर्क को नियंत्रित कर रहा है, जो हर दिन हजारों रुपये का नशा बेचता है और बार-बार प्रशासन की पकड़ से बाहर निकल जाता है.

समाज और सिस्टम की चुप्पी बनी सबसे बड़ी साज़िश

जब पूरा क्षेत्र नशे की आग में झुलस रहा हो, और प्रशासन मूक दर्शक बना हो, तो सवाल उठता है – कौन है जिम्मेदार? और कब तक यह चुप्पी जारी रहेगी? यह सिर्फ एक खबर नहीं – यह चेतावनी है. अगर अब भी समाज नहीं जागा, अगर प्रशासन ने आंखें नहीं खोलीं, तो हिरणपुर जल्द ही अपने भविष्य को खुद ही नष्ट कर देगा.

पाकुड़/नंद किशोर मंडल