टीएनपी डेस्क (TNP DESK):- तरह-तरह की फिजुल की आशंकाएं मंईयां सम्मान योजना की महीने की ढाई हजार रुपए की राशि को लेकर मन में गहरी कर गई थी. लेकिन तमाम तरह की बाते बेकार ही साबित हुई. झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने आखिरकर मंईयां सम्मान योजना का पैसा देना शुरु कर दिया है. सभी के खाते में अप्रैल महीने का 2500 रुपए ट्रांसफर होना शुरु हो गया है. मालूम हो कि पहले अप्रैल-मई महीने का पैसा एक साथ 5000 रुपए देने की बात कही जा रही थी. लेकिन, फिर सिर्फ अप्रैल महीने की किस्त ही देने पर हामी भरी गई.
अप्रैल महीने का मिल रहा पैसा
दरअसल, 13 मई को ही महिला बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग की ओर से 9,609 करोड़ रुपए जिला कोषांगो को आवंटित कर दिया गया था. उसी वक्त इस बात की संभावना जतायी गई थी कि एक साथ अप्रैल-मई महीने की किस्त के तौर पर 5 हजार रुपए ट्रांसफर किए जायेंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि विभाग की ओर से जिला कोषागों को स्पष्ट निर्देश था कि राशि ट्रांसफर करने के लिए लाभुकों की लिस्ट में किसी तरह की कोई गलती न हो यानि इसकी योग्यता रखने वाली महिला को ही पैसा मिले.
मई के आखिरी हफ्ते में मंईयां सम्मान योजना का पैसा मिलने की बात सामने आ रही थी. लेकिन देर होने के चलते कई तरह के आशंका के बादल घूमड़ने लगे थे. लेकिन, आखिरकार अप्रैल महीने का पैसा लाभुकों के खाते में आने लगा. उम्मीद की जा रही है कि जून महीने का पैसा भी आ जाएगा. वैसे भी झारखंड सरकार ने मंईया योजना के अगले छह महीने के पैसे का आवंटन कर दिया है.
गिरिडीह में सबसे ज्यादा लाभुक
आपको बता दे कि सबसे ज्यादा मंईयां सम्मान योजना के लाभुकों की संख्या गिरीडीह में है, जबकि दूसरे नंबर पर रांची, तीसरे नंबर पर धनबाद , चौथे नंबर पर बोकारो और पांचवें नंबर पर पलामू का नंबर है.मालूम हो कि मंईयां सम्मान योजना की राशि हकदार महिला को ही मिले, इसे लेकर हेमंत सोरेन सरकार सजग है. क्योकि पहले बहुत लोगों ने मंईयां सम्मान की किस्त उठा चुकी है. जो इसकी योग्यता तक नहीं रखती थी. इस ढाई हजार के लिए तरह-तरह के छल-प्रपंच तक देखने को मिले. इन फरेबों को दूर करने के लिए हेमंत सरकार ने जांच-पड़ताल जिला प्रशासन से करवाई. जिसमे कई तरह की गड़बड़ियां सामने आई.
कई तरह की गड़ब़ड़ियां आई सामने
कईयों को तो आधार से खाता ही लिंक नहीं था. कई महिलाएं आर्थिक रुप से संपन्न रहने के बावजूद योजना का पैसा उठा रही थी. साथ ही बहुत सारी महिलाओं के तो उम्र ही पचास साल पार कर गई थी. हालांकि, बहुत हद तक इस पर लगाम लगाया गया है.मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले ढाई हजार रुपए 18 साल से 50 साल की वंचित महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपए देने का वादा किया था. बीच-बीच में किस्तों को देने के लिए दिक्कत आई. लेकिन, अब इसे दूर कर लिया गया है.
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