टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : राजा रघुवंशी केस मर्डर केस ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है. 11 मई  को राजा और सोनम की शादी घर वालों की मर्जी से हुई थी. खुशियों से शुरू हुई यह कहानी एक दुखद और मर्डर मिस्ट्री में बदल गई. एमपी के इंदौर से मेघालय हनीमून पर गए कपल में से राजा रघुवंशी का शव मिला, फिर सोनम पिछले 17 दिनों से लापता थी. जिसे सब पीड़िता समझ रहे थे, आखिरकार वही आरोपी निकली. फिर पुलिस ने सोनम को यूपी के गाजीपुर से गिरफ्तार कर लिया. मेघालय पुलिस ने इस पेचीदा केस को सुलझाने के लिए कई अहम सुराग जोड़े.

हनीमून के लिए मेघालय पहुंचे थे राजा और सोनम

राजा और सोनम की शादी 11 मई 2025 को इंदौर में हुई थी. नई जिंदगी की शुरुआत करने के लिए दोनों ने 20 मई को अपने हनीमून के लिए मेघालय के शिलांग को चुना. 2 जून को राजा का शव वेइसाडोंग झरने के पास एक गहरी खाई में मिला, जिसकी पहचान उसके हाथ पर 'राजा' टैटू से हुई. लेकिन सोनम का कोई सुराग नहीं मिला. रहस्य गहराता गया. ऐसे में आइए जानते हैं कि इस मर्डर मिस्ट्री का क्या-क्या टर्निंग प्वाइंट रहा जिससे पुलिस सोनम तक पहुंच सकी.  

CCTV फुटेज: पुलिस ने जब सीसीटीवी फुटेज जांच की तो 21 मई की फुटेज में राजा और सोनम शिलांग में एक होमस्टे में चेक इन करते हुए देखे गए. यह उनकी आखिरी तस्वीर थी.

बरामद सामान: शव के पास एक महिला की सफेद शर्ट, दवा की पट्टियां, स्मार्टवॉच और मोबाइल की टूटी स्क्रीन मिली. राजा की सोने की चेन, अंगूठी और पर्स गायब थे, जिससे डकैती का संदेह पैदा हो रहा है.

हथियार का खुलासा: पुलिस ने एक 'दाओ' (पारंपरिक चाकू) बरामद किया, जिसका इस्तेमाल हत्या में होने का संदेह है. यह नया था और अपराध के लिए विशेष रूप से खरीदा गया था.

बांग्लादेश सीमा से कनेक्शन : जांच में नाटकीय मोड़ तब आया जब स्कूटी का स्थान शिलांग के पास बांग्लादेश सीमा के करीब पाया गया. राजा के भाई विपिन ने दावा किया कि पर्यटकों को निशाना बनाने वाला एक गिरोह इलाके में सक्रिय है, जो पुरुषों की हत्या करता है और महिलाओं का अपहरण करता है. इस संदेह ने मानव तस्करी के सिद्धांत को और बल दिया.

चौंकाने वाला खुलासा: सोनम ने किया आत्मसमर्पण

17 ​​दिन बाद, 8 जून 2025 को, सोनम उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एक ढाबे पर व्याकुल अवस्था में पाई गई. उसने गाजीपुर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और सनसनीखेज खुलासा किया कि उसने राजा की हत्या के लिए किराए के हत्यारों को किराए पर रखा था. मेघालय के डीजीपी आई नोग्रांग ने पुष्टि की कि सोनम सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें मध्य प्रदेश के तीन हमलावर शामिल हैं. सोनम को गाजीपुर के वन स्टॉप सेंटर में रखा गया, जहां वह पूछताछ के लिए तैयार नहीं थी.

गाइड की गवाही से मिला नया एंगल

मौलाकियत के एक गाइड अल्बर्ट पीडी ने कहा कि 23 मई को सुबह करीब 10 बजे उसने राजा और सोनम को तीन लोगों के साथ 3000 सीढ़ियां चढ़ते देखा. गाइड ने पहले भी दंपति से मुलाकात की थी, लेकिन उन्होंने उसकी सेवाओं से इनकार कर दिया था. इस गवाही से पुलिस को संदिग्धों तक पहुंचने में मदद मिली.

राजनीतिक हलचल और सीबीआई जांच की मांग

परिवार और रघुवंशी समाज ने स्थानीय पुलिस पर शुरुआती लापरवाही का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की. मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने मामले में हस्तक्षेप किया. मेघालय के मंत्री अलेक्जेंडर लालू हेक ने अंतरराष्ट्रीय एजेंसी से जांच कराने का आश्वासन दिया.

हत्या की वजह क्या थी?

पुलिस और सूत्रों के मुताबिक हत्या प्रेम प्रसंग से जुड़ी हो सकती है. सोनम ने कथित तौर पर अपने पति की हत्या की साजिश रची थी. हालांकि, उसकी चुप्पी ने कई सवालों को खड़ा कर दिया. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और फोरेंसिक जांच से हत्या की सही वजह का पता चलना बाकी है.