धनबाद(DHANBAD):  झारखंड की राजनीति में महतो  वोट बैंक की बड़ी भूमिका है.  लेकिन यह वोट बैंक समय के अनुसार फिसलता रहा है.  धनबाद में तो महतो  वोट बैंक की राजनीति विनोद बाबू और निर्मल महतो के इर्द-गिर्द  घूमती  रही है.  बिनोद  बाबू की आदमकद  प्रतिमा का अनावरण मंगलवार को राज्यपाल और मुख्यमंत्री करेंगे.  यह  अलग बात है कि प्रतिमा  के अनावरण के लिए विश्वविद्यालय को लंबी प्रतीक्षा करनी पड़ी, डिमांड करना पड़ा, आंदोलन की धमकी देनी पड़ी, तब जाकर विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय में बिनोद  बाबू की आदमकद  प्रतिमा लगाई जा रही है.  धनबाद के मेडिकल कॉलेज का नाम बदलकर शहीद  निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज कर दिया गया है.
 
बिनोद  बाबू के नाम से विश्वविद्यालय खोला गया है 
  
बिनोद  बाबू के नाम से विश्वविद्यालय और शहीद निर्मल महतो के नाम से अस्पताल धनबाद में चल रहा है.  पिछले दो दशकों से झामुमो  के लिए मजबूत वोट बैंक माने जाने वाला कुर्मी समाज पहले आजसू प्रमुख सुदेश महतो की ओर झुका.  लेकिन 2024 के विधानसभा चुनाव में जयराम महतो ने इसमें बड़ी सेंध लगा दी.  विश्वविद्यालय परिसर में बिनोद  बाबू की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के शामिल होने को कुर्मी वोटरों पर फिर से पकड़ मजबूत बनाने के प्रयास से जोड़कर देखा जा रहा है.  बिनोद  बाबू की प्रतिमा डेढ़ साल से बनकर तैयार है.  

यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट ने  इसका अनावरण मुख्यमंत्री से ही कराने  का निर्णय लिया था

यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट ने  इसका अनावरण मुख्यमंत्री से ही कराने  का निर्णय लिया था.  उनसे समय मिलने के बाद इसके अनावरण की तिथि तय की गई है.  झामुमो के संस्थापक सदस्य रहे बिनोद  बाबू की प्रतिमा लगाने की मांग लगातार की जाती रही है.  लोग खुश हैं कि  प्रतिमा अनावरण में मुख्यमंत्री के साथ राज्यपाल भी आ रहे है.  यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि धनबाद और आसपास के दो जिलों में कुर्मी निर्णायक वोटर है.  झारखंड में भी कुर्मी की राजनीति बिनोद  बिहारी महतो और शहीद निर्मल महतो के ही नाम से ही चलती है.  निर्मल महतो के नाम पर धनबाद में सरकारी मेडिकल कॉलेज का नामाकरण किया गया है तो बिनोद  बाबू के नाम पर यूनिवर्सिटी खोला गया. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो