टीएनपी डेस्क(TNP DESK): सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की है कि ऐसे किसी मामले में पुलिस को बहुत ही गंभीरता के साथ किसी आरोप के तहत सुसंगत धारा लगानी चाहिए. यह टिप्पणी रेप के एक मामले में आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने दी.

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने तर्कपूर्ण टिप्पणी 

जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी।मामला यह है कि 27 वर्षीय इनफ्लुएंसर पर 40 वर्षीय महिला ने यौन शोषण का आरोप लगाया है. आरोपी पिछले 9 महीने से जेल में बंद है‌।उसके खिलाफ दिल्ली पुलिस ने अभी तक कोई आरोप तय नहीं किए है.कोर्ट ने कहा कि आरोपी को अंतरिम जमानत देने का यह पुख्ता आधार बनता है.कोर्ट ने आगे कहा कि शिकायतकर्ता महिला सात बार युवक इनफ्लुएंसर के साथ जम्मू गई.उसके साथ रही. समय बिताया.उसके पति को कोई आपत्ति नहीं हुई.फिर इस तरह का आरोप महिला के द्वारा लगाया जाना और उसके आधार पर दिल्ली पुलिस द्वारा आईपीसी की धारा 376 में मामला दर्ज करना, यह सवालों के घेरे में है.

दरअसल 40 वर्षीय महिला अपने बिजनेस को लेकर 23 वर्षीय युवक इनफ्लुएंसर को ब्रांडिंग के लिए संपर्क करती है.उसके बाद दोनों के बीच 3 साल तक संबंध रहा।ब्रांड के प्रोमोशन के लिए शूटिंग के वास्ते महिला इस युवक के साथ दिल्ली, नोएडा,जम्मू कश्मीर जाती- आती रहती है. उसके बाद महिला यह आरोप लगाती है कि युवक ने नशीला पदार्थ खिलाकर उसके साथ कथित रूप से रेप किया. कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि यह कैसे हो सकता है. ताली कभी एक हाथ से नहीं बजती.महिला के द्वारा दिल्ली पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत में एक कहा गया है कि उसे युवक ने कथित रूप से मजबूर किया, ढाई साल तक उसका यौन शोषण किया. उससे ब्लैकमेलिंग कर पैसे लिए. उसे सात बार जम्मू बुलाया.

हाई कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद आरोपी युवक ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत की गुहार लगाई थी.उसी की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह टिप्पणी की.आरोपी पिछले 9 महीने से जेल में बंद है.