धनबाद (DHANBAD) ; त्योहार  एक ऐसा मौका होता है, जब लोग एक दूसरे से मिलते है. देश में रहे अथवा परदेश  में, त्योहार के मौके पर घर जरूर आते है. शायद यही वजह है कि इन मौके पर राजनीतिक दल के नेताओं की सक्रियता खूब  दिखती है. दुर्गा पूजा आने वाली है, जगह-जगह पूजा पंडाल बनाए जा रहे है. राजनेताओं को पंडाल उद्घाटन के साथ-साथ अपनी राजनीति को भी धार देने का एक अच्छा मौका रहता है.  धनबाद में 2024 का लोकसभा चुनाव हो अथवा विधानसभा चुनाव, कई पुराने लोग अब दूर हो  गए हैं और नए लोग सांसद और विधायक बन गए  है. नए सांसद और विधायकों के लिए यह एक मौका है. 2024 लोकसभा चुनाव में ढुल्लू महतो  धनबाद के सांसद चुने गए है. 

सांसद ढुल्लू महतो का कार्य क्षेत्र अब पूरा धनबाद हो गया है 
 
ऐसे में उनका कार्य क्षेत्र बाघमारा से निकलकर अब पूरे धनबाद में फैल गया है. जाहिर है, पूजा पंडालो  के उद्घाटन का उनको अधिक निमंत्रण मिलेगा. अधिक लोग उनके पास जाएंगे, पूजा में सहयोग भी लेंगे.  पशुपतिनाथ सिंह जब धनबाद के सांसद रहे, तो पूजा में  उनकी विशेष रुचि रहती थी.  सिंदरी से चंद्रदेव महतो नए विधायक चुने गए है. जाहिर है- उन्हें भी इस बार पंडालो  के उद्घाटन से अपनी राजनीति को धार देने का मौका मिलेगा. झरिया  विधायक रागिनी सिंह चुनी गई है. वह पहली बार विधायक बनी है. झरिया में भी आकर्षक पूजा पंडाल बनते है.  जाहिर है उन्हें भी मौका मिलेगा. बाघमारा विधायक शत्रुघ्न महतो भी पहली बार विधायक बने है. इसलिए उन्हें भी पंडालो के उद्घाटन से लोगों में पकड़ बढ़ाने का मौका मिलेगा.  

पंडालो के उद्घाटन में निश्चित रूप से सियासत भी होती है

यह कहना कोई गलत नहीं होगा कि पंडालो  के उद्घाटन में निश्चित रूप से सियासत भी होती है और जनता के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज करने का एक मौका भी होता है. वैसे भी आज की राजनीति बदल गई है.  जनता के मुद्दों को लेकर अब आंदोलन इतिहास की बात हो गई है.  सोशल मीडिया की राजनीति और बयान बाजी की राजनीति अधिक होती है.  पॉलिटिकल लोग अब "पेपर टाइगर" हो गए है.  कई विधायक और सांसद पूजा समितियों  के संरक्षक भी होते है.  इस बहाने भी जनता से संपर्क करने का उन्हें मौका मिलता है.

रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो