सहारनपुर (Saharanpur):- अभी-अभी ऑपरेशन सिंदूर का ऑपरेशन पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना का चला, तो ऐसा लगा कि अब जंग हो ही जाएगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. हालांकि, अभी भी भारत किसी भी खतरे से निपटने के लिए तैयार है. अभी सरहद पर हमारे जवान अपने आस्त्र-शस्त्र के साथ चौकस है. एयरक्रॉफ्ट और हेलीकॉप्टर की आवाजाही हो रही है. इधर शुक्रवार की सुबह उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में सुबह भारतीय वायुसेना (IAF) का एक अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर (AH-64E) की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई. यमुना नदी के किनारे चिलकाना थाना क्षेत्र के जोधेबांस गांव के पास एक हरे भरे से दिख रहे खेत में इसे उतारा गया. बताया जा रहा है कि अपाचे हेलीकॉप्टर सरसावा एयरफोर्स बेस से रूटीन ट्रेनिंग मिशन पर उड़ा था, लेकिन तकनीकी खराबी आ गई जिसकी वजह से पायलट को खेत में लैंडिंग कराने के कदम उठाया. हालांकि, इस दरमियान अच्छी बात ये रही कि दोनों पायलट पूरी तरह से सुरक्षित और अपाचे हेलीकॉप्टर को भी कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है.
खतरे को भांपते हुए लैंडिंग का फैसला
जानकारी के मुताबिक ऐसा मालूम चला कि सुबह करीब 8:45 बजे सरसावा एयरबेस से उड़ान भरने वाला ये अपाचे हेलीकॉप्टर रूटीन अभ्यास के तहत ही थे. वायुसेना के मुताबिक, उड़ान के दौरान हेलीकॉप्टर के कंट्रोल पैनल में चेतावनी के संकेत दिखा, जिसके बाद पायलटों ने तुरंत फैसला लेते हुए जोधेबांस गांव के एक खेत में इसे उतारने का कदम उठाया. वायुसेना ने इसे “प्रीकॉशनरी लैंडिंग” बताया. पायलटों ने सूझबूझ और सतर्कता दिखाई कि समय रहते खेत में उतार लिया. नहीं तो कोई बड़ा हादसा हो सकता था. लैंडिंग के बाद सेना के अपाचे हेलीकॉप्टर को सरसावा एयरबेस वापस ले जाया गया.
गांववालों की उमड़ी भीड़
वायुसेना का लड़ाकू अपाचे हेलीकॉप्टर खेत में उतरा तो आसपास के गांववाले पहले तो सहम गये और फिर जब माजरा समझ में आया तो इसे देखने के लिए भीड़ उमड़ गई.सोशल मीडिया में भी हेलीकॉप्टर की वायरल वीडियों में देखा जा सकता है कि लोग हेलीकॉप्टर के आसपास खड़े नजर आए. हालांकि, खबर मिलते ही चिलकाना थाना पुलिस और सेना के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गये और इसे अपने कंट्रोल में ले लिया. वायुसेना की एक तकनीकी टीम भी मौके पर भेजी गई, जो हेलीकॉप्टर की खराबी की जांच की.
भारतीय वायुसेना की नाज है अपाचे हेलीकॉप्टर
अपाचे AH-64E दुनिया का सबसे उन्नत लड़ाकू हेलीकॉप्टर माना जाता है. जो हवा से हवा और हवा से जमीन पर हमला करने वाली मिसाइलों से लैस रहता है. भारत ने 2015 में बोइंग के साथ 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों के लिए 13,951.57 करोड़ रुपये का सौदा किया था. इनमें से 17 हेलीकॉप्टर 2019 तक वायुसेना में शामिल हो चुके हैं और ये मुख्य रूप से पठानकोट और जोरहाट एयरबेस पर तैनात हैं. ये हेलीकॉप्टर पुराने रूसी Mi-35 हेलीकॉप्टरों की जगह ले रहे हैं.
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