पाकुड़(PAKUR): जहाँ पसीने की हर बूँद ज़मीन से सोना उपजाती है, वहाँ फल सिर्फ फल नहीं होते, बल्कि वह मेहनत, आशा और आत्मनिर्भरता की पहचान होते हैं. पाकुड़ जिले के हिरणपुर प्रखंड में 3 जून को जब आम महोत्सव का आगाज़ होगा, तब यह केवल आमों की प्रदर्शनी नहीं, बल्कि गाँव की मिट्टी से उठी उम्मीदों का उत्सव होगा. 
दरअसल इस वर्ष जिले में शुरू होने वाली महोत्सव श्रृंखला की पहली कड़ी हिरणपुर से शुरू हो रही है. यह एक ऐतिहासिक और गौरवशाली अवसर है, जिसमें गांव-गांव की मेहनत की मिठास सजीव हो उठेगी. हिरणपुर प्रखंड परिसर में आयोजित इस भव्य प्रदर्शनी में मनरेगा के अंतर्गत लगाए गए बागानों से निकले आमों की कई देशी-विदेशी प्रजातियाँ प्रदर्शित की जाएँगी. 

यह प्रदर्शनी हर फल के पीछे एक कहानी होगी, किसी किसान के संघर्ष की, किसी महिला श्रमिक के आत्मबल की, और उस व्यवस्था की जिसने इन्हें सक्षम बनाया है. प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गाँवों से आए लाभुक अपनी मेहनत से उपजे फलों को प्रदर्शित करेंगे, तो यह नज़ारा सिर्फ आँखों को नहीं, दिल को भी छू जाएगा. यह दृश्य बताएगा कि जब ग्रामीणों को अवसर और साधन मिलते हैं, तो वे सिर्फ उपज नहीं, उम्मीद भी पैदा करते हैं.  इस महोत्सव को सफल बनाने के लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी टुडू दिलीप और प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी ट्विंकल चौधरी ने प्रखंड के सभी रोजगार सेवकों के साथ समन्वय कर पूरी योजना को अंतिम रूप दिया है. यह आयोजन प्रशासनिक प्रयास और जनभागीदारी की सुंदर मिसाल बनेगा.                                                                                                                                                                                                                                                                                 

रिपोर्ट : नंद किशोर मण्डल