TNP DESK: क्या आपने कभी सोचा है आखिर हर हिल स्टेशन पर मॉल रोड क्यों होता है? पर यह भी गौर करने वाली बात है कि हर हिल स्टेशन का मॉल रोड काफी खूबसूरत होता है . बता दे भारत के लगभग हर हिल स्टेशन चाहे वह शिमला हो मसूरी ,नैनीताल या फिर हो दार्जिलिंग इन सभी जगह पर एक सामान्य रूप से देखने का जो मिलती है वह है मॉल रोड.

आखिर क्या है मॉल रोड 

मॉल रोड वह सड़क होता है जहां शॉपिंग घूमने और लोगों के लिए मिलने जाने का जगह होता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह मॉल रोड स्टेशन पर होता क्यों है? मॉल रोड का नजारा लगभग फॉरेजन के रोड जैसा ही दिखता है.

ब्रिटिश काल से शुरू हुआ मॉल रोड का चलन

मॉल रोड का नाम तो हमने कई बार सुना है, लेकिन आपको बता दे की मॉल रोड की शुरुआत ब्रिटिश कल के दौरान हुई थी. जहां एक ब्रिटिश अधिकारी भीषण गर्मी से बचने के लिए पहाड़ी वाले इलाके में जाते थे और वहां उन्हें अपने लिए आरामदायक और सामाजिक जीवन के लिए माल रोड का निर्माणकिया था. बता दे यह रोड खास कर टहलने सामाजिक मेलजोल और शॉपिंग के लिए बनाई गई थी. 

मॉल" शब्द कहा से आया

आपको बताएं "मॉल" शब्द इंग्लिश के वर्ड "Pall Mall" से लिया गया है, जो लंदन की एक फैमस रोड है .इसके बाद ब्रिटिश अधिकारियों ने इसी नाम को अपनाकर भारत के हिल स्टेशनों में मॉल रोड बनाया.कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, "मॉल" का एक अन्य अर्थ "Married Accommodation and Living Line" भी बताया जाता है, जो विवाहित अधिकारियों और उनके परिवारों के रहने के लिए निर्धारित क्षेत्र को दर्शाता है.

आजादी के बाद भारत में मॉल रोड का विकास

जैसा कि हम सब जानते हैं हमारे देश को 1947 में आजादी मिली है, वासी इसके बाद मॉल रोड पर से सामाजिक प्रतिबंध हटा दिए गए और तब से यह आम जनता के लिए खुल गया. अब यह रोड यहां के स्थान में व्यापारी टूरिस्ट और संस्कृत गतिविधियों का केंद्र बना हुआ है. 

अभी के मॉल रोड

आज के समय में मॉल रोड न सिर्फ शॉपिंग और खाने-पीने के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह जगह संस्कृति और इतिहास का प्रतीक भी है. यहां टूरिस्ट स्थानीय हस्तशिल्प, लोकल फूड और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद ले सकते हैं.मॉल रोड अब हिल स्टेशनों की पहचान बन चुकी है और यह के लोगों और टूरिस्ट के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है.

मॉल रोड ब्रिटिश काल से शुरू होकर आज के एडवांस टेक्नोलॉजी भारत तक फैला हुआ है. यह न केवल एक सड़क है, बल्कि यह हमारे इतिहास, संस्कृति और सामाजिक विकास का प्रतीक है.