धनबाद(DHANBAD):  बंगाल -झारखंड में कोयले के वैध  और अवैध कारोबार करने वाले सभी लोग लाला  के नाम से परिचित होंगे.  असली नाम अनूप मांझी है.  अनूप मांझी  के साथ संपर्क को लेकर कई तरह की चर्चाएं है. एक समय था ,जब उसके कहे बिना एक छटाक भी अवैध कोयला बंगाल में नहीं उठता था.  कहा जाता है कि बंगाल की सत्ताधारी पार्टी और कई बड़े अधिकारियों से लाला  के संपर्क के तार सीबीआई को मिल चुके है.  इधर, बताया जाता है कि पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित कोयले के अवैध खनन और तस्करी मामले में मुख्य अभियुक्त अनुप मांझी  उर्फ लाला को दिल्ली की राउज  एवेन्यू कोर्ट से झटका लगा है.  कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी है.  अब उनकी मुश्किलें फिर एक बार बढ़ सकती है.

कोयला तस्करी-मनी लांड्रिंग से जुड़ा है मामला 
 
 बता दें कि यह मामला न सिर्फ कोयला तस्करी बल्कि मनी लांड्रिंग और राजनीतिक नौकरशाही गठजोड़ के आरोपो  की  वजह से सुर्खियों में आया था.  अनूप मांझी  उर्फ लाला पर आरोप है कि अवैध कोयला खनन और तस्करी के जरिए 1000 करोड़ की अवैध संपत्ति अर्जित की है.  सीबीआई ने इस मामले में लाला को मुख्य अभियुक्त बनाया था.  इसके बाद ईडी  ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की और डेढ़ करोड़ से भी अधिक की संपत्ति जब्त  की थी.  ईडी  ने दावा किया था कि यह संपत्ति कोयला तस्करी से कमाए गए काले धन से खरीदी गई है.  ईडी  ने अनुप मांझी  को कई बार पूछताछ के लिए बुलाया था. 

अनुप मांझी के दावे से संतुष्ट नहीं हुई थी ईडी 
 
उन्होंने अपनी संपत्तियों के स्रोत के बारे में कुछ दस्तावेज भी दिए थे.  लेकिन ईडी  उनके दावे से संतुष्ट नहीं हुई.  इसके बाद ईडी  ने राउज  एवेन्यू कोर्ट में मामला दर्ज किया.  अब लाला  द्वारा दायर जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है.  कोर्ट ने कहा है कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप है.  जांच भी प्रभावित करने की आशंका है.  लाला  के खिलाफ एक बार फिर कार्रवाई तेज हो सकती है.  कारवाई तेज  होने पर कई लोगों की गर्दन  फंसने  की संभावना है.

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो