रांची (RANCHI) : पूर्व सीएम रघुवर दास ने सीएम हेमंत सोरेन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. गुरुवार को पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हेमंत सोरेन ने सीएम रहते अपने नाम माइनिंग लीज की स्वीकृति ली है. पूर्व सीएम ने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन अमानत में खयानत करने में लगे हैं. उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सीएम रहते अपने नाम पर पत्थर खदान लीज की स्वीकृति ली है. लोक आचार संहिता का उल्लंघन करने को उन्हें इस्तीफा देना चाहिये. रघुवर दास ने मांग की कि झामुमो किसी और को सीएम बनाए.

इस खनन पट्टा का है मामला

 रघुवर दास ने आरोप लगाया है कि सीएम ने अनगड़ा (रांची) में पत्थर खदान लीज की स्वीकृति ली है. इस खनन पट्टा की स्वीकृति के लिए वे 2008 से ही प्रयासरत थे. सीएम मुख्यमंत्री बनने के बाद पत्रांक 615/M द्वारा पत्थर खनन पट्टा की स्वीकृति हेतु सैद्धांतिक सहमति के आशय का पत्र (एलओआइ) विभाग ने 16 जून 2021 को जारी कर दिया. जिला खनन कार्यालय, रांची ने (पत्रांक- 106, 10-07-2021) खनन योजना की स्वीकृति दी. उसके बाद हेमंत ने 09-09-2021 को SEIAA को आवेदन भेजा. स्टेट लेबल इंवायरमेंट इंपेक्ट असेसमेंट ऑथोरिटी (SEIAA) द्वारा 14-18 सितम्बर, 2021 को सम्पन्न 90वीं बैठक में पर्यावरण स्वीकृति की अनुशंसा की गई.

"भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आपराधिक कृत्य"

रघवुर दास ने कहा कि खान विभाग सीएम के अधीन आता है. वही विभाग उन्हें पत्थर खनन पट्टा की स्वीकृति के लिए सैद्धांतिक सहमति का पत्र (एलओआइ) जारी करता है. जिला कार्यालय उनकी खनन योजना को स्वीकृत करता है. उनके अंदर का एक विभाग पर्यावरण स्वीकृति की अनुशंसा भी देता है. यह अपने फायदे के लिए सीएम के पद का दुरुपयोग है जो कि धारा 7 (ए) भ्रष्टाचार निरोधक कानून अंतर्गत दंडनीय अपराध है. सरकार ने जिस जमीन की माइनिंग लीज दी है, वह सरकारी संपत्ति है. ऐसे में मुख्यमंत्री जो कि एक सरकारी सेवक हैं, इस नाते उनके द्वारा लीज लेना गैर कानूनी है. हेमंत सोरेन को डिसक्वालीफाई करना चाहिए. मुख्यमंत्री के द्वारा इस तरह का किया गया कार्य गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी मंत्रियों के लिए आचार संहिता का उल्लंघन है. साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम,  1988 की धारा 13(1)(डी) के तहत आपराधिक कृत्य है. केंद्र सरकार का यह कोड ऑफ कंडक्ट केंद्र सरकार के मंत्रियों व राज्य सरकार के मंत्रियों पर लागू होता है. हेमंत सोरेन भारत सरकार के द्वारा जारी कोड ऑफ कंडक्ट के भी दोषी हैं. इसके मुताबिक कोई भी मंत्री, मुख्यमंत्री किसी तरह का व्यापार नहीं कर सकता है. रघुवरदास ने कहा कि यदि उनके पास थोड़ी भी नैतिकता बची हो तो अपने पद से इस्तीफा दे दें. अब वे इस मामले को लेकर राजभवन जायेंगे और राज्यपाल के सामने सारी बातों को रखेंगे.