लोहरदगा (LOHARDAGA) - झारखंड सरकार के मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव आज लोहरदगा पहुंचे. यहां उन्होंने कार्यकर्ता सम्मेलन में इन्होंने भाग लिया और जनता की समस्याओं से अवगत हुए. भाषाई आंदोलन पर सवाल पूछने पर उन्होंने कहा कि भाषाई आंदोलन की जरूरत ही नहीं है. झारखंड राज्य अब अलग है. सरकार सबके लिए है और सोच समझ कर भाषा को लागू किया गया है. यह निर्णय गलत नहीं है. जहां जैसी भाषा बोली जाती है वहां वही लागू की गई है. सरकार ने उर्दू और बंगाली भाषा को भी मान्यता दिया है. लेकिन राज्य स्तरीय पर स्थानीय भाषा को ज्यादा महत्व दी गई है. वहीं कुछ जगहों पर जिला स्तर पर भोजपुरी,मगही को भी प्रथिमकता दी गई है. झारखंड राज्य में धनबाद और बोकारो में स्थानीय भाषा के रूप में भोजपुरी, अंगिका और मगही को लागू की गई है. तब से पूरे झारखंड में इसका विरोध किया जा रहा है. वहीं झारखंड सरकार के खुद शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो भोजपुरी अंगिका और मगही को वापस करने के लिए हेमंत सोरेन को पत्र भी लिखा है. जिसका लगातार विरोध हो रहा है.
रिपोर्ट : गौतम लेनिन, लोहरदगा
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