गिरिडीह (GIRIDIH): झारखंड प्रदेश कांग्रेस द्वारा रविवार से गिरिडीह के पारसनाथ तीर्थ स्थान में तीन दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन शुरू हो रहा है. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता झारखंड प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे के द्वारा की जा रही है. वहीं इस चिंतन शिविर में पहुंचे झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमलोग यहां भाषा विवाद, मेनिफेस्टो में घोषित वादे सहित अन्य मुद्दों पर बात करने के लिए जुटे है. कांग्रेस सभी स्थानीय लोगों को केंद्र में रखकर ही काम कर रही है. वहीं सरकार के कार्यों में जो भी कमियां रह गई है, उनपर चर्चा होगी और सरकार से बात कर उन्हें पूरी करने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने सरकार के साथ किसी तरह के गतिरोध से इनकार किया. वहीं धनबाद और बोकारो जिले से भोजपुरी और मगही को स्थानीय परीक्षा की भाषा सूची से अलग किए जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह पहले कभी नहीं था, सारे काम राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं होना चाहिए. वोट अपनी जगह है,  लेकिन कांग्रेस हमेशा जनता का हित सबसे अपर रखकर सोचती और काम करती है.

भोजपुरी और मगही के साथ है मंत्री बन्ना गुप्ता

चिंतन शिविर में पहुंचे मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि हमारी सरकार अच्छे ढंग से काम कर रही है और भोजपुरी और मगही के मामले में सरकार का चाहे जो भी पक्ष हो लेकिन हम तो भोजपुरी और मगही के साथ है. धनबाद के जनता मार्केट मामले पर कहा की सबकुछ हो गया है. पेट पर किसी को लात मारने नहीं दिया जाएगा. गिरिडीह में मेडिकल कॉलेज का केंद्र सरकार के पास अगर कोई प्रस्ताव नहीं है तो बनाना चाहिए.

नहीं होनी चाहिए किसा की हकमारी

मौके पर धनबाद के पूर्व सांसद ददई दुबे ने कहा कि आयोजित चिंतन शिविर में यह चर्चा होनी चाहिए की कांग्रेस के लोग एकजुट रहे. उन्होंने भाषा विवाद पर कहा कि सभी भाषाओं का सम्मान होना चाहिए और किसी की भी हकमारी नहीं होनी चाहिए. ऐसे में उनका कहना है कि “सरकार और पार्टी का चाहे जो भी निर्णय हो, मैं तो भोजपुरी और मगही के साथ हूं”.

रिपोर्ट : सत्यभूषण सिंह, धनबाद