धनबाद (DHANBAD) : गिरिडीह के पारसनाथ में आयोजित कांग्रेस के चिंतन शिविर में पिछले 11 वर्ष से बंद धनबाद जिला कांग्रेस कार्यालय का मुद्दा छाया रहा. शिविर के दूसरे दिन देर संध्या विधायक दल की हुई बैठक में इस मुद्दे पर गंभीरता से चर्चा हुई. बैठक में झारखंड कांग्रेस के सभी विधायक व मंत्री शामिल हुए. अविनाश पांडेय के नेतृत्व में हुई इस बैठक के दौरान धनबाद जिला कांग्रेस के अध्यक्ष ब्रजेंद प्रसाद सिंह को ख़ास तौर से बुलाया गया और झारखंड कांग्रेस प्रभारी ने जानकारी ली. दरअसल धनबाद से पहुंचे सभी छोटे बड़े नेताओं व कार्यकर्ताओं ने धनबाद के के बंद जिला कार्यालय के मुद्दे पर अपनी शिकायत प्रभारी से साझा की. इसी को लेकर झारखंड प्रभारी ने धनबाद कांग्रेस जिला अध्यक्ष ब्रजेन्द्र प्रसाद सिंह से पूरे मामले की अद्यतन जानकारी ली.
बोले अध्यक्ष, हम अतिक्रमणकारी नहीं
अध्यक्ष ने साफ शब्दों में बताया कि हमलोग कोई अतिक्रमणकारी नहीं है, बल्कि बिहार सरकार ने ही 1959 में 10 कट्ठा जमीन में स्थित कांग्रेस कार्यालय की बंदोबस्ती की थी. फिर पता नहीं क्यों धनबाद जिला परिषद ने अपने 82अतिक्रमणकारी के साथ अटैच कर उनके कार्यालय को सील कर दिया. जबकि हमारा मामला स्वामित्व का नहीं था. हम लीजधारी थे और कार्यालय खोलने की शर्त पर हमने अपना केस भी हाईकोर्ट से वापस ले लिया. बावजूद इसके कार्यालय नहीं खुला. अब हमारी हालात बीच में मारे गए गुलफ़ाम जैसी कहावत हो गयी है.
मंत्रियों की साख का सवाल
झारखंड प्रभारी अविनाश पांडे ने दो टूक कहा कि हमें इस मामले में ज़्यादा कुछ नहीं पता. बस हमारे धनबाद दौरे के पहले ऑफिस हर हाल में खुल जाना चाहिए. न्यूज़ पोस्ट से बात करते हुए धनबाद जिला अध्यक्ष ने भी इसकी पुष्टि की है. आप को बता दें कि सूबे के स्वास्थ्य मंत्री सह धनबाद के प्रभारी मंत्री बन्ना गुप्ता भी जब पिछले सप्ताह धनबाद दौरे पर आये थे और प्रेस वार्ता में ये मुद्दा उठा तब उन्होंने जिला के अधिकारियों से इस पर बात की थी. कह सकते हैं कि अब धनबाद के सील कांग्रेस कार्यालय सूबे के मंत्रियों की साख का सवाल बन गया है. बहरहाल, झारखंड कांग्रेस प्रभारी के कथन व संज्ञान में लेने से कांग्रेस के लोग गदगद हैं.
रिपोर्ट : अभिषेक कुमार सिंह ,ब्यूरो हेड ,धनबाद
Recent Comments