रांची(RANCHI): झारखंड की राजनीति बिलकुल भी शांत नहीं लग रही है. हम ऐसा इसलिए कह रहेंगे क्योंकि झारखंड विधानसभा के बजट सत्र की समाप्ति के ठीक पहले रात को तीसरे मोर्चे की आपात बैठक हुई. यह बैठक हुसैनाबाद विधायक और पूर्व मंत्री कमलेश सिंह के रांची आवास पर हुई. आपात बैठक से इस बात का अंदाजा तो लगाया जा सकता है कि झारखंड की राजनीति में कोई मोड़ आने वाला है. तीसरे मोर्चे यानी कि झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा के इस बैठक में कमलेश सिंह के साथ, राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो, जमशेदपुर पूर्वी विधायक सरयू राय, गोमिया विधायक लंबोदर महतो और बरकट्ठा विधायक अमित कुमार जाधव शामिल हुए. 

सदन में तीसरे मोर्चे के लिए अलग जगह और समय की मांग

बैठक के बारे में बताते हुए सुदेश महतो ने कहा कि झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चे की इस बैठक में हाउस में हुई बातों पर चर्चा कर रहे है. उन्होंने बताया कि सदन में कोई सही जवाब नहीं दे रहा है. उन्होंने कहा कि मोर्चा के लिए सदन में अलग जगह और समय के लिए मांग किया गया था लेकिन इसपर अब तक कोई बात नही हुई. विधानसभा अध्यक्ष ने इस पर कोई जवाब नही दिया. उन्होंने कहा कि विपक्ष अभी सिर्फ अपने क्षेत्र की बातों को सदन में उठा रही है. राज्य का मुद्दा इस दौरान दब जा रहा है.उन्होंने आगे कहा कि सदन बिना विपक्ष के चल रहा है. ऐसे में झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा राज्य के मुद्दों पर सदन में सवाल उठाएगी.

"लूट मुख्यालय तक पहुंच चुकी है"

वहीं जब राज्य सभा के लिए होने वाले चुनाव का सवाल जब उनसे किया गया तो इस पर सुदेश महतो ने कहा कि यहां हमेशा हल्की बात होती है. हल्के लोग हैं. अगर राज्य सभा चुनाव आ रहा है तो अच्छी बात है कि हम पांच मिलकर किसी को जीता सकते है. उन्होंने झामुमो और कांग्रेस के बीच समन्वय नहीं बनने के सवाल पर कहा कि यह बात सरकार में बैठे लोगों से पूछना चाहिए. उन्होंने कहा कि यहां बिना किसी तर्क और डायरेक्शन के सरकार चल रही है. 2.5 साल गुजर गए, पहले सरकार ने कोरोना का रोना रोया और अब लूट मची हुई है. इन ढाई वर्षों में कुछ नही हुआ है. उन्होंने कहा कि झारखंड में ट्रांसफर पोस्टिंग का खेल खेला जा रहा है. लूट मुख्यालय तक पहुंच गयी है.

रिपोर्ट: प्रकाश तिवारी/ समीर हुसैन, रांची