रांची (Ranchi) : झारखंड विधानसभा बजट सत्र के आखिरी दिन बोरियो विधायक लोबिन हेंब्रम ने अपने ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है. सदन के अंदर भी जमकर सरकार पर बरसे. सदन के बाहर मीडिया से बात करने के दौरान भावुक हो फफक पड़े. रोते हुए सवाल किया कि विधायक होने के नाते बोलने के लायक भी नहीं हूं क्या? अपनी सरकार में नहीं बोलूंगा तो कहां बोलूंगा.
"सरकार को प्रहार का डर था"
लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि जानबूझ कर मुझे बोलने नहीं दिया गया. सरकार को भय था कि मैं प्रहार करुंगा. लोबिन ने संथाली भाषा में भी अपनी बात रखी. लोबिन ने कहा कि उन्हें बजट सत्र के दौरान भी नहीं बोलने दिया गया था. बता दें कि लोबिन हेंब्रम पहले भी अपनी ही सरकार के खिलाफ कई बार मोर्चा खोला है. शराब बिक्री के मसले पर भी कई बार हेमंत सोरेन को घेरा है. सदन के भीतर-बाहर बोले ही नहीं, धरने पर भी अपनी सरकार के खिलाफ बैठे.
कहा, टूटा जनता का विश्वास
लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि आज बहुत ही दुख के साथ आज कहना पड़ रहा है कि हमलोग सरकार में रह कर आज आहत हैं. पूरे झारखंड में 1932 का नियोजन नीति की मांग है. अभी भी पूरे प्रदेश में यह मांग छात्र, किसान, ग्रामीण मजदूर कर रहे हैं. जगह जगह रैली निकाली जा रही है. लेकिन हेमंत ने बयान दिया कि 1932 आधारित नियोजन नीति नही लागू होगी. कोर्ट का भी हवाला दिया. कहा कि अदालत क्या करती, नहीं करती, ये तो वक़्त की बात थी. कहा कि जनता का विश्वास टूट गया. कहा कि सीएम के बयान से जनता आहत है. क्षेत्र से फ़ोन आ रहा है.
घूम घूम कर करेंगे मांग
लोबिन ने एलान कर दिया कि 5 अप्रैल से राज्य भर के तमाम जिलों में घूम घूमकर 1932 खतियान की मांग करेगें. सरकार के मैनिफेस्टो में भी यह बातें थीं. मीडिया के सामने अपना दर्द बयां करते हुऐ रोने लगे. गुरुजी को याद करते हुए उन्होंने एक बार फिर कहा कि हमारे नेता गुरुजी हैं. सदन के नेता हेमंत सोरेन हैं.
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