रांची (RANCHI) : झारखंड के एक और विधायक की सदस्यता खतरे में है. अबकी बार BJP विधायक की बारी है. गलत जाति प्रमाण पत्र मामले में बीजेपी विधायक समरी लाल फंसते नजर आ रहे हैं. उनकी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र को रद्द करने का आदेश दिया गया है. जाति प्रमाण पत्र रद्द होने के बाद उनकी विधायकी भी जाने का खतरा मंडरा रहा है. बता दें कि कल्याण सचिव की अध्यक्षता में गठित जाति छानबीन समिति ने अपनी पूरी जांच के बाद समरी लाल के 31 अक्टूबर 2009 को राज्य सरकार द्वारा निर्गत अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र को रद्द करने का आदेश दिया है.

रिपोर्ट में हुआ खुलासा

विधायक समरी लाल के खिलाफ डीसी ने इस रिपोर्ट को छानबीन समिति सह विशेष सचिव अनुसूचित जाति जनजाति अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग को भेजा था. इस रिपोर्ट के अनुसार, 1950 से पहले की मतदाता सूची में समरी लाल या उनके परिवार के किसी व्यक्ति का कोई नाम या कोई सरकारी दस्तावेज नहीं है. इससे यह साफ होता है कि समरी लाल मुख्य रूप से राजस्थान के निवासी हैं और आजीविका चलाने के लिए यहां आकर बस गए हैं. इसलिए वे इस राज्य में अनुसूचित जाति का सदस्य होने के लिए जरूरी अहर्ता को पूरा नहीं कर रहे हैं. इस कारण वर्ष 2009 में जारी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर लिया गया कोई भी लाभ मान्य नहीं है,

क्या है पूरा मामला

बता दें कि बीजेपी के कांके विधानसभा क्षेत्र के विधायक समरी लाल के नामांकन किए जाने के बाद विपक्षी दल कांग्रेस के प्रत्याशी सुरेश बैठा ने उनके खिलाफ चुनाव आयोग को शिकायत की थी. शिकायत में विधायक का नामांकन रद्द करने की गुजारिश की गई थी.  विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि समरी लाल गुजरात के रहने वाले हैं. ऐसे में ये दोनों जगह आरक्षण नहीं ले सकते. उनकी ओर से जो जाति प्रमाण पत्र नामांकन के लिए दाखिल किया गया था वो जरूरी शर्तों को पूरा नहीं कर रहा है. इस पूरे मामले पर विधायक समरी लाल ने इसे विपक्ष की साजिश बताया है. उन्होंने कहा कि यह मामला झारखंड हाई कोर्ट में है, फिर भी विपक्ष जानबूझ कर इस मामले को उठा रहा है.