रांची ( RANCHI ) झारखंड विधानसभा में नमाज के लिए अलग से कमरा दिया जाना असंवैधानिक है ,और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ भी है. यह कहना है धनबाद के भाजपा सांसद पीएन सिंह का.  "द न्यूज़ पोस्ट "के ब्यूरो चीफ़ अभिषेक कुमार सिंह से खास बातचीत में सांसद ने  कहा कि देश के किसी भी विधानसभा , विधान परिषद, यहां तक कि लोकसभा और राज्यसभा में भी किसी खास धर्म समुदाय के लिए विशेष व्यवस्था नहीं की गई है. नमाज के लिए कोई अलग से कमरा नहीं दिया गया तो फिर झारखंड में यह व्यवस्था लागू क्यों की गई. सांसद पीएन सिंह ने यह भी सवाल उठाया कि यह नियम जब झारखंड विधानसभा से विधिवत पास नहीं हुआ है तो फिर  इसे कार्यकारी आदेश के तहत क्यों लागू किया गया ...अब जब मामला तूल पकड़ा है तब जांच कमेटी बनाई गई. इस जांच कमिटी की ज़रूरत क्या है. जिस तरह विधानसभा अध्यक्ष द्वारा कार्यकारी आदेश से इसे जारी किया गया है ,उसी तरह इसे वापस लिया जा सकता है. चूंकि सरकार अपने वोट बैंक और पॉलिटिक्स के कारण एक धर्म विशेष के लिए तुष्टिकरण की नीति अपना रही है ,अन्यथा सभी धर्म को बराबर का हक मिलना चाहिए. किसी खास धर्म समुदाय को विशेष व्यवस्था क्यों ? सांसद पीएन सिंह ने आरोप लगाया कि दरअसल इस सभी के पीछे राज्य सरकार की मंशा जनहित के मुद्दों से ध्यान भटकाना है. झारखंड में पिछले 5 दिन के सत्र में रोजगार के मुद्दे पर चर्चा होना चाहिए था ,बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने के मुद्दे पर चर्चा होना चाहिए था, वहां गैरजरूरी मुद्दे पर सरकार बहस में फंसी हुई है. इस पूरे घटनाक्रम को मैं लाइव देख रहा था और मुझे दुख भी पहुंच रहा था. जब इसका भाजपा के लोगों ने विरोध किया तो सरकार आवाज को बंद करने के लिए लाठी व पुलिस बल का सहारा ले रही है. इस पूरी घटना से  झारखंड शर्मिंदा है.