पटना(PATNA): बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज़ हो गई है. चुनाव आयोग की ओर से संकेत दिए जा रहे हैं कि इस बार चुनाव तीन चरणों में कराए जा सकते है. खास बात यह है कि राज्य के सबसे बड़े सामाजिक और सांस्कृतिक त्योहारों में से एक 'छठ' पर्व को दृष्टिगत रखते हुए मतदान की तिथियों का निर्धारण किया जाएगा.
छठ पर्व को ध्यान में रखकर चुनाव आयोग ले सकता है फैसला
सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग स्थानीय परिस्थितियों, त्योहारों के कैलेंडर, कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक तैयारियों को ध्यान में रखते हुए चुनावी कार्यक्रम तैयार कर रहा है. चूंकि छठ पूजा नवंबर के दूसरे सप्ताह में है, इसलिए यह संभावना जताई जा रही है कि मतदान की प्रक्रिया छठ से पहले पूरी कर ली जाएगी या फिर चरणों की योजना इस तरह बनाई जाएगी कि त्योहार के दौरान मतदान न हो.
तीन चरणों में क्यों
बिहार एक बड़ा और राजनीतिक रूप से संवेदनशील राज्य है, जिसमें 243 विधानसभा सीटें है. इससे पहले हुए चुनावों में भी आयोग ने राज्य को कई क्षेत्रों में विभाजित कर चरणबद्ध मतदान करवाया था.इस बार भी सुरक्षा व्यवस्था, प्रशासनिक तैनाती और पर्व-त्योहारों को ध्यान में रखते हुए तीन चरणों का चुनावी रोडमैप तैयार किया जा सकता है.छठ पर्व बिहार की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है और इसका समाज पर गहरा प्रभाव होता है. इसे देखते हुए न केवल आम जनता की भागीदारी प्रभावित हो सकती है, बल्कि मतदान कर्मचारियों और सुरक्षाबलों की तैनाती में भी व्यावहारिक दिक्कतें आ सकती है. चुनाव आयोग पहले भी त्योहारों की तारीखों से टकराव से बचता रहा है.
सभी राजनीतिक दलों में हलचल तेज
चुनाव की संभावित तारीखों को लेकर चर्चा शुरू होते ही सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है. जनसभाएं, कार्यकर्ता सम्मेलन, पोस्टर-बैनर और सोशल मीडिया अभियान ज़ोर पकड़ रहे है. खासकर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान, राष्ट्रीय जनता दल, जेडीयू और बीजेपी सहित अन्य दल भी चुनावी मोर्चे पर सक्रिय हो चुके है.आयोग की ओर से अगले कुछ हफ्तों में संभावित तारीखों की घोषणा की जा सकती है. तब तक सभी की निगाहें इस बात पर टिकी है कि मतदान की तिथियां क्या होंगी और छठ जैसे प्रमुख त्योहार के दौरान चुनावी गतिविधियों की क्या रणनीति अपनाई जाएगी.
Recent Comments