रांची (RANCHI) : झारखंड में शराब घोटाला से जुड़े मामले में एसीबी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उत्पाद विभाग के कई दफ्तरों में छापेमारी की है. जानकारी सामने आ रही है कि जांच के दौरान एसीबी ने कई अहम दस्तावेजों की जांच की और कुछ अहम फाइलों को जब्त कर अपने साथ ले गई. अब तक की जांच में शराब घोटाले में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की अनियमितता सामने आई है.

बताया जाता है कि जांच के दौरान एजेंसी को जानकारी मिली कि झारखंड में भारतीय और विदेशी शराब का ठेका एक खास सिंडिकेट को दिया गया था. जिसमें नकली होलोग्राम का इस्तेमाल कर भारतीय शराब बेची जाती थी. विदेशी शराब की जिम्मेदारी एक खास कंपनी को दी गई थी, जिसके जरिए अधिकारियों को कमीशन के तौर पर मोटी रकम मिल रही थी. कमीशन के तौर पर मोटी रकम वसूली जाती थी और पैसा सरकारी खाते में नहीं पहुंचता था. कई शराब दुकानों में विदेशी शराब बेची जा रही थी.

वहीं झारखंड में हुए शराब घोटाले को लेकर आरोप है कि फर्जी बैंक गारंटी के आधार पर ठेके और काम आवंटित किए गए, जिससे सरकार को भारी आर्थिक नुकसान हुआ. एसीबी इस बात की भी जांच कर रही है कि इसमें अधिकारियों की भूमिका कहां तक ​​रही है. आपको बता दें कि इस मामले में अब तक छह लोगों (विनय चौबे, अमित प्रकाश,गजेंद्र सिंह, सुधीर कुमार दास, नीरज कुमार सिंह और सुधीर कुमार) को गिरफ्तार किया जा चुका है और उनसे पूछताछ जारी है. मान के चला जा रहा कि आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं और कई अन्य अधिकारी एसीबी जांच के दायरे में आ सकते हैं.

शराब घोटाले पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर सवाल उठाए हैं. वे बार-बार कह रहे हैं कि इस पूरे घोटाले की आंच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक पहुंच गई है. इसके साथ ही वे झारखंड में हुए शराब घोटाले को दिल्ली और छत्तीसगढ़ से भी बड़ा घोटाला बता रहे हैं. उन्होंने सीएम से पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की भी मांग की है.