रांची (RANCHI) : झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र जुलाई के आखिरी सप्ताह (22 जुलाई) में होने की उम्मीद जताई जा रही है. आज की कैबिनेट बैठक में विधानसभा का मॉनसून सत्र बुलाने को मंजूरी भी मिल सकती है. मिली जानकारी के अनुसार विधानसभा का मॉनसून सत्र 22 जुलाई से 27 जुलाई के बीच होगा. अगर देखा जाए तो हेमंत सरकार के लिए कई मायनों में ये सत्र काफी अहम होगा. जुलाई में मानसून सत्र शुरू होने के साथ ही सदन में कई अहम विधेयक भी पेश किए जाने की उम्मीद है, जो राज्य सरकार की प्राथमिकताओं पर आधारित होंगे. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि मॉनसून सत्र में कौन-कौन से विधेयक पेश किए जा सकते हैं.
सबसे पहले बाात की जाए तो मानसून सत्र में आदिवासी भूमि के अवैध हस्तांतरण को रोकने के लिए कड़े प्रावधान शामिल हो सकते हैं. इस दौरान वित्तीय वर्ष 2025-26 का पहला अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा. विश्वविद्यालयों को अधिकार प्रदान किए जाएंगे. उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने इससे संबंधित विधेयक तैयार कर लिया है. विधेयक पारित होने के बाद विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सहायक प्राध्यापकों की नियुक्तियां तेजी से हो सकेंगी. इससे शिक्षा व्यवस्था में सुधार की उम्मीद है.
झारखंड खनन गतिविधियों से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान को कम करने और स्थानीय समुदायों के लिए पुनर्वास नीतियों को मजबूत करने के लिए खनन और पर्यावरण संरक्षण विधेयक पेश कर सकता है. झारखंड पंचायती राज (संशोधन) विधेयक, 2025 भी तैयार है. यह विधेयक ग्राम पंचायतों को और सशक्त बनाने के लिए वित्तीय और प्रशासनिक शक्तियों को बढ़ाएगा, जिससे ग्रामीण विकास में तेजी आएगी. झारखंड साइबर अपराध रोकथाम विधेयक में सख्त दंडात्मक प्रावधान होंगे और बढ़ते साइबर अपराधों को नियंत्रित करने के लिए जागरूकता अभियान पर जोर दिया जाएगा. मॉनसून सत्र की अवधि कम होने के कारण टाइम मैनेजमेंट एक अलग चुनौती होगी.
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