पटना(PATNA):बिहार के पुलिस महानिदेशक (DGP) विनय कुमार ने एक अहम प्रेस कॉन्फ़्रेंस में राज्य में अपराध नियंत्रण और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई को लेकर नई रणनीति और प्रक्रियाओं की जानकारी दी उन्होंने बताया कि अब अपराध से अर्जित संपत्ति को ज़ब्त करने की प्रक्रिया को सरल और तेज़ कर दिया गया है.DGP ने बताया कि अब जांच अधिकारी (IO) किसी भी आपराधिक मामले में यदि यह संदेह करते हैं कि आरोपी ने अपराध से अर्जित संपत्ति जमा की है, तो वे सीधे न्यायालय में लिखित आवेदन दे सकते है.
अदालत 14 दिन का समय देगी कि आरोपी अपनी संपत्ति का स्रोत बताए
पहले यह प्रक्रिया बेहद जटिल थी. जिसमें IO को विभाग, मुख्यालय, EOU और फिर CID से होते हुए अनुमोदन लेना पड़ता था, उन्होंने कहा कि अब अदालत 14 दिन का समय देगी कि आरोपी अपनी संपत्ति का स्रोत बताए. यदि आरोपी जवाब नहीं देता, तो अदालत एकपक्षीय आदेश देकर संपत्ति को सरकार की संपत्ति घोषित कर सकती है.DGP विनय कुमार ने बताया कि दिसंबर 2024 से इस अभियान की शुरुआत हुई थी और अब तक 1,200 मामले दर्ज किए जा चुके है.इनमें से 4 मामलों में न्यायालय द्वारा सजा भी सुनाई जा चुकी है.हमारा उद्देश्य है कि अपराध से अर्जित धन और संपत्ति को जब्त कर अपराधियों का मनोबल तोड़ा जाए।DGP ने साफ तौर पर कहा कि सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत भ्रष्ट और अपराध में लिप्त पुलिस कर्मियों को भी नहीं बख्शा जाएगा.अब तक करीब 60 पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है.
पढें डीजीपी ने क्या कहा
DGP ने यह भी स्वीकार किया कि राज्य में कुछ मामलों में बलात्कार की FIR दर्ज नहीं की गई, जिसकी शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जा रही है. DGP ने कहा हमारा लक्ष्य है कि सभी आरोपियों के खिलाफ SPD ट्रायल हो और वे जल्द से जल्द जेल जाएं.इस प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान DGP ने बताया कि जिन मामलों में पुलिस गवाही देने न्यायालय में उपस्थित नहीं होती, उनके वेतन को रोका जाता है. वेतन तब तक नहीं मिलता जब तक कोर्ट से गवाही का प्रमाण नहीं दिया जाता.
ARMS ACT जैसे मामलों के लिए विशेष अदालत (Special Court) बनाने की मांग
बगहा में एक हत्या के मामले में थाना प्रभारी गवाही नहीं दे रहे थे, जिसके कारण सजा नहीं हो रही थी.हमने हस्तक्षेप कर गवाही करवाई और कोर्ट ने तुरंत सजा दी. DGP विनय कुमार ने कहा कि Fast Track Courts (FTC) से मामलों का त्वरित निपटारा हो रहा है.उन्होंने सरकार से ARMS ACT जैसे मामलों के लिए विशेष अदालत (Special Court) बनाने की मांग करने का भी ऐलान किया.
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